बस्ती।
जिला अस्पताल में दलालों का नेटवर्क खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अस्पताल की खराब अल्ट्रासाउंड और बंद एक्स-रे मशीनें इन दलालों के नेटवर्क को और मजबूत कर रही हैं। स्थिति यह हो गई है कि मरीजों और उनके तीमारदारों को मजबूरन बाहर जांच के लिए भेजा जा रहा है, जिससे उनकी जेबें लगातार ढीली हो रही हैं। अस्पताल परिसर में दलाल सक्रिय हैं और उन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों का बंटवारा भी कर रखा है।

यहां आने वाले लोगों का मानना है कि जानबूझकर मशीनें खराब रखी जाती हैं ताकि अस्पताल प्रशासन इन दलालों के धंधे को बढ़ावा दे सके।
ओपीडी के बाहर मंडराते हैं दलाल

जिला अस्पताल के गेट नंबर दो और तीन के पास ओपीडी चल रही है। यहां बाहर संचालित हो रहे अल्ट्रासाउंड सेंटरों के दलाल लगातार ओपीडी में घूमते रहते हैं। गेट नंबर एक के बाहर बने सेंटरों के दलाल इमरजेंसी और मेडिकल वार्ड तक सक्रिय हैं, जिन्हें अस्पताल के डॉक्टर भली-भांति जानते हैं।
मुंडेरवा से आए मरीज के साथ प्रहलाद गुप्ता ने बताया कि दलालों के इस खेल में डॉक्टर भी शामिल होते हैं। जब मरीज को जांच के लिए बाहर भेजा जाता है, तो डॉक्टर कुछ कहे बिना इशारों में सब समझा देते हैं।
मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा गड़बड़
अल्ट्रासाउंड जांच का खेल मेडिसिन विभाग में सबसे ज्यादा हो रहा है। जैसे ही मरीज उल्टी-दस्त, पेट दर्द या भूख न लगने की शिकायत लेकर आते हैं, उन्हें तुरंत अल्ट्रासाउंड जांच की सलाह दी जाती है। एक अनुमान के मुताबिक, मेडिसिन विभाग में रोज़ाना 200 से ज्यादा मरीज आते हैं, जिनमें से 40-50 मरीजों के पर्चे पर अल्ट्रासाउंड लिखा जा रहा है।
बाहर 800 रुपये में हो रही अल्ट्रासाउंड जांच
अस्पताल के बाहर निजी सेंटरों पर अल्ट्रासाउंड जांच के लिए मरीजों से 800 रुपये वसूले जा रहे हैं। डॉक्टर द्वारा भेजे गए पर्चों पर मरीज के साथ-साथ डॉक्टर का नाम भी लिखा जा रहा है, ताकि कमीशन देने में किसी तरह की परेशानी न हो।
रेडियोलॉजिस्ट नहीं होने से बंद है अल्ट्रासाउंड सेंटर
जिला अस्पताल का अल्ट्रासाउंड सेंटर पिछले छह महीने से बंद है क्योंकि यहां कोई रेडियोलॉजिस्ट नहीं है। इस स्थिति का दलाल भरपूर फायदा उठा रहे हैं। वहीं, अस्पताल का भवन भी मरम्मत के लिए बंद पड़ा है, जिससे मरीजों को और अधिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अन्य जांचों के नाम पर भी हो रही लूट
आर्थो और सर्जरी विभाग में भी जांच के नाम पर गड़बड़ जारी है। यहां मरीजों के पर्चे पर डिजिटल एक्स-रे और सीटी स्कैन कराने की सलाह दी जा रही है, जबकि अस्पताल में एक्स-रे की सुविधा बंद है और सीटी स्कैन भी गिनती के मरीजों का ही किया जा रहा है।
प्रशासन का बयान
अस्पताल प्रशासन का कहना है कि किसी भी अनाधिकृत व्यक्ति के अस्पताल परिसर में प्रवेश पर प्रतिबंध है। अगर दलाल सक्रिय हैं, तो इसकी जांच कराई जाएगी। रेडियोलॉजिस्ट की मांग शासन से की गई है और अन्य जांच सेवाएं अस्पताल में सुचारु रूप से चल रही हैं।
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