बस्ती। धनतेरस से प्रारंभ हुई मां लक्ष्मी की पूजा का समापन रविवार को प्रतिमा विसर्जन के साथ हुआ। भक्तों ने देर रात तक गाजे-बाजे के साथ भव्य जुलूस निकालकर मां लक्ष्मी को विदाई दी। शहर के प्रमुख घाट जैसे कुआनो नदी के अमहट घाट और मुक्ति घाट समेत ग्रामीण इलाकों में भी प्रतिमाओं का देर रात तक विसर्जन किया गया। इस दौरान सुरक्षा में तैनात पुलिसकर्मी मुस्तैद दिखाई दिए। दक्षिण दरवाजा से अमहट घाट तक का क्षेत्र मेले जैसा नजर आया।
ग्रामीण इलाकों में उत्सव की छवि
ग्रामीण क्षेत्रों में भी मां लक्ष्मी को पूरे विधि-विधान से विदाई दी गई। अपर पुलिस अधीक्षक ओपी सिंह ने जानकारी दी कि रविवार को कुल 729 प्रतिमाओं का विसर्जन किया गया। शेष 425 प्रतिमाओं का विसर्जन सोमवार और मंगलवार के बीच किया जाएगा। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित मां लक्ष्मी, भगवान गणेश और मां सरस्वती की प्रतिमाओं की पूरे विधि-विधान से पूजा की गई।
पूजन की परंपराएं और समापन
धनतेरस से प्रारंभ हुई पूजा का समापन रविवार शाम को पूर्ण आहुति के साथ हुआ। सुबह से ही प्रतिमा पंडालों में हवन किया गया और महिलाओं ने पारंपरिक रूप से गोदभराई की रस्म निभाई। शाम के समय प्रतिमाओं को ट्रैक्टर ट्रॉली और अन्य वाहनों पर फूल-मालाओं से सजाकर रखा गया। इसके बाद उन्हें शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए अमहट घाट की ओर ले जाया गया।
भक्ति और उत्साह का माहौल
डीजे की धुन पर नाचते-गाते युवाओं ने जमकर गुलाल और अबीर उड़ाए। देर रात तक भक्ति गीतों से पूरा वातावरण भक्ति-भावना से सराबोर रहा। इस दौरान पुलिस की चौकसी बनी रही। शहर के निकटवर्ती गनेशपुर कस्बे और आसपास के गांवों की लक्ष्मी प्रतिमाओं का विसर्जन मुक्ति घाट पर किया गया।
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