बस्ती। महर्षि वशिष्ठ मेडिकल कॉलेज के जूनियर रेजिडेंट अनिमेष कुमार राव को मरीज का बाहर से अल्ट्रासाउंड कराने के मामले में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी। इस प्रकरण में तीन सदस्यीय जांच टीम की छानबीन में उनकी भूमिका संदिग्ध पाई गई। जांच रिपोर्ट के आधार पर मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने उनकी सेवा समाप्त कर दी है।
यह मामला 11 सितंबर का है, जब मेडिकल कॉलेज के ओपेक चिकित्सालय कैली की इमरजेंसी में तैनात जूनियर रेजिडेंट डॉ. अनिमेष द्वारा मरीजों का अल्ट्रासाउंड बाहर कराने का मामला सामने आया। इस घटना से संबंधित एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया। जब यह प्रकरण संज्ञान में आया, तो मेडिकल कॉलेज के डॉ. मनोज कुमार ने तत्काल प्रभाव से संबंधित रेजीडेंट को निलंबित कर दिया और एक जांच टीम गठित की।
जांच टीम ने अपनी छानबीन में पुष्टि की कि रेजिडेंट ने मरीजों को बाहर अल्ट्रासाउंड कराने के लिए भेजा था। इसके बाद टीम ने अपनी रिपोर्ट प्राचार्य को सौंपी, जिसमें अनिमेष की भूमिका संदिग्ध पाई गई।
प्राचार्य ने इस संदर्भ में बताया कि जांच टीम की रिपोर्ट के अनुसार रेजीडेंट की भूमिका अनैतिक पाई गई है। मेडिकल कॉलेज परिसर में रहकर मरीजों को बाहर भेजने से कॉलेज की छवि धूमिल हुई है। ऐसे में संबंधित रेजीडेंट की सेवा समाप्त कर दी गई है।
इस कार्रवाई ने मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मचा दिया है। अस्पताल परिसर में स्थित आवास पर रेजीडेंट को निजी प्रैक्टिस करने से भी रोक दिया गया है। इस घटना ने मेडिकल क्षेत्र में अनुशासन और पेशेवर नैतिकता की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है, जिससे चिकित्सा समुदाय में गंभीर चर्चाएं चल रही हैं।
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