लोकसभा चुनाव के बाद अब सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसी क्रम में एनडीए की पहली बैठक प्रधानमंत्री आवास पर शाम 4 बजे आयोजित की गई। यह बैठक एक घंटे तक चली, जिसमें नरेंद्र मोदी को सर्वसम्मति से एनडीए का नेता चुना गया।
सूत्रों के अनुसार, 7 जून को एनडीए के सांसदों की बैठक के बाद राष्ट्रपति को सरकार बनाने का दावा पेश किया जाएगा। राजनाथ सिंह, अमित शाह और जेपी नड्डा को सहयोगी दलों के साथ मिलकर बातचीत करने और नई सरकार के गठन पर चर्चा करने की जिम्मेदारी दी गई है।
इस बैठक में 10 से अधिक पार्टियों के नेता शामिल हुए। इनमें जेडीयू के नेता और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, टीडीपी प्रमुख चंद्रबाबू नायडू, आजसू प्रमुख सुदेश महतो, आरएलडी के जयंत चौधरी, जन सेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, एलजेपी (रामविलास) के नेता चिराग पासवान, अपना दल (सोनेलाल) की नेता अनुप्रिया पटेल और हम के नेता जीतनराम मांझी शामिल हैं।
इस दौरान पीएम मोदी के इस्तीफे और कैबिनेट को भंग करने की सिफारिश के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने लोकसभा को भंग कर दिया।
एनडीए के साथियों ने मंत्रालयों की सूची सौंपी है, जिसमें टीडीपी ने 6 मंत्रालयों और स्पीकर पद की मांग की है। वहीं, जेडीयू ने 3, चिराग पासवान ने 2 (एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार), जीतनराम मांझी ने एक, एकनाथ शिंदे ने 2 (एक कैबिनेट, एक स्वतंत्र प्रभार) मंत्रालयों की मांग की है। जयंत चौधरी ने बताया कि चुनाव से पहले उन्हें एक मंत्री पद देने का वादा किया गया था। अनुप्रिया पटेल भी एक मंत्री पद चाहती हैं।
7 जून को सुबह 11 बजे एनडीए संसदीय दल की बैठक होगी, जिसमें नरेंद्र मोदी को औपचारिक रूप से नेता चुना जाएगा। इसके बाद 8 जून को मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। हालांकि एनडीए ने 292 सीटों के साथ बहुमत के आंकड़े को पार कर लिया है।
चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी सबसे बड़ी और नीतीश कुमार की जेडीयू 12 सीटों के साथ एनडीए में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। ये दोनों पार्टियां भाजपा के लिए महत्वपूर्ण हैं, इनके बिना भाजपा का सरकार बनाना मुश्किल है।