पीसीओएस के बारे मे छात्राओ को किया जागरूकता।
पालिसिस्टिक ओवर सिंड्रोम (PCOS) महिलाओं में एक सामान्य स्वास्थ्य समस्या है, जिसे इग्नोर करना गंभीर परिणाम ला सकता है। इस बारे में हमें डॉ. अल्का शुक्ला से महत्वपूर्ण जानकारी मिलती है।
डॉ. अल्का शुक्ला एक प्रसिद्ध स्त्रीरोग विशेषज्ञ हैं, जिन्होंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा महिलाओं के स्वास्थ्य समस्याओं को समझने और उनका इलाज करने में समर्पित किया है। वे कहती हैं, “पालिसिस्टिक ओवर सिंड्रोम एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं में प्रजनन आयु के दौरान आम होता है। यह समस्या मासिक धर्म चक्र में अनियमितता, अत्यधिक एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) का स्तर, और ओवरी में छोटे सिस्ट्स (गांठें) बनने के कारण होती है।”
डॉ. शुक्ला ने कई महिलाओं को इस समस्या से जूझते देखा है और उनका कहना है कि इस समस्या को इग्नोर करना गलत है। “अगर समय पर इलाज नहीं किया गया, तो PCOS के कारण महिलाओं को कई स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, जैसे कि डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, हृदय रोग, और गर्भधारण में कठिनाई।”
डॉ. शुक्ला के अनुसार, PCOS के लक्षणों में शामिल हैं:
- अनियमित मासिक धर्म
- चेहरे और शरीर पर अत्यधिक बाल उगना
- वजन बढ़ना या वजन कम करना मुश्किल होना
- मुंहासे और तैलीय त्वचा
- सिर के बालों का झड़ना
वे बताती हैं कि सही समय पर निदान और इलाज से PCOS के प्रभाव को कम किया जा सकता है। इसके लिए वे निम्नलिखित सुझाव देती हैं:
- स्वस्थ आहार और नियमित व्यायाम: वजन को नियंत्रित करने से हार्मोनल संतुलन बनाए रखने में मदद मिलती है।
- मेडिकेशन: डॉक्टर द्वारा प्रिस्क्राइब किए गए हार्मोनल इलाज और अन्य दवाएं लक्षणों को नियंत्रित करने में मदद कर सकती हैं।
- जीवनशैली में बदलाव: तनाव को कम करने और नींद के पैटर्न को सुधारने से भी PCOS के लक्षणों में सुधार आ सकता है।
- नियमित जांच: नियमित चिकित्सा जांच से इस समस्या को समय पर पहचान कर इलाज किया जा सकता है।
डॉ. शुक्ला अंत में कहती हैं, “महिलाओं को अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना चाहिए और अगर कोई लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। पालिसिस्टिक ओवर सिंड्रोम को इग्नोर करना भारी पड़ सकता है, इसलिए इसे गंभीरता से लें और समय पर उचित कदम उठाएं।”
इस प्रकार, डॉ. अल्का शुक्ला का संदेश स्पष्ट है: PCOS को नजरअंदाज न करें। सही जानकारी और उपचार से इस समस्या को प्रभावी रूप से नियंत्रित किया जा सकता है और एक स्वस्थ जीवन जीया जा सकता है।