लोकसभा चुनाव में NDA की जीत के बाद नरेंद्र मोदी 8 जून को लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ले सकते हैं। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, इस समारोह के लिए भारत के पड़ोसी देशों के लीडर्स को न्योता भेजा जाएगा।
इनमें श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे, बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, नेपाल के PM प्रचंड समेत मॉरीशस और भूटान के नेता शामिल होंगे। श्रीलंका के राष्ट्रपति के मीडिया डिविजन ने इसकी पुष्टि भी की।’
रिपोर्ट के मुताबिक, राष्ट्रपति विक्रमसिंघे ने बुधवार को फोन करके PM मोदी को चुनाव जीतने पर बधाई दी थी। इसी दौरान कॉल पर मोदी ने उन्हें शपथ ग्रहण में शामिल होने का न्योता दिया, जिसे विक्रमसिंघे ने स्वीकार कर लिया। वहीं बांग्लादेश की PM के साथ भी फोन पर बातचीत के दौरान मोदी ने उन्हें समारोह का आमंत्रण दिया है।
इससे पहले 2014 में अपने पहले शपथ ग्रहण समारोह के दौरान PM मोदी ने SAARC देशों के लीडर्स को न्योता भेजा था। इसके तहत पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री नवाज शरीफ, अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई और श्रीलंका के राष्ट्रपति महिंद राजपक्षे समारोह में शामिल हुए थे।
इसके बाद अपने दूसरे कार्यकाल के लिए 2019 में हुए शपथ ग्रहण समारोह में PM मोदी ने BIMSTEC देशों के नेताओं को आमंत्रित किया था। समारोह में किर्गिस्तान, श्रीलंका, मॉरीशस, नेपाल, भूटान, बांग्लादेश और म्यांमार के लीडर्स ने हिस्सा लिया था।
SAARC संगठन की स्थापना 1985 में की गई थी। सार्क शिखर सम्मेलन, दक्षिण एशिया के आठ देशों के राष्ट्राध्यक्षों की होने वाली बैठक है, जो हर दो साल में होती है। सार्क में अफगानिस्तान, भारत, बांग्लादेश, भूटान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका और मालदीव शामिल हैं।
BIMSTEC, यानी बंगाल की खाड़ी बहु-क्षेत्रीय तकनीकी और आर्थिक सहयोग पहल (Bay of Bengal Initiative for Multi-Sectoral Technical and Economic Cooperation)। यह एक रीजनल मल्टीलेटरल ऑर्गनाइजेशन है। 1997 में इस क्षेत्रीय संगठन को स्थापित किया गया था।
इसके सदस्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के देश हैं। सदस्यों में बांग्लादेश, भूटान, भारत, नेपाल, श्रीलंका, म्यांमार और थाईलैंड शामिल हैं। इस संगठन का मकसद आर्थिक और सामाजिक विकास को बढ़ावा देना और साझा हितों के मुद्दों पर तालमेल बनाने के लिए सदस्य देशों के बीच सकारात्मक माहौल बनाना है।