नगर बाजार, बाती। बस्ती जिले में दस अगस्त से फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम का शुभारंभ किया जाएगा। इस कार्यक्रम का उद्देश्य फाइलेरिया जैसी गंभीर बीमारी से जनसमुदाय को सुरक्षित रखना है।
कार्यक्रम का उद्देश्य
पीसीआई डीएमसी आशुतोष तिवारी ने बताया कि इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य फाइलेरिया उन्मूलन है। इसके लिए आशा कर्मियों को अपने-अपने पोषक क्षेत्र में सक्रिय होकर कार्य करना होगा।
कार्यक्रम की रणनीति
आशा कर्मियों को तीन दिनों तक अपने पोषक क्षेत्र के विद्यालय, आंगनबाड़ी केंद्र और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर रहकर दवा का सेवन कराना है। इसके अलावा, घर-घर जाकर भी दवा का सेवन कराना आवश्यक होगा।
दवा सेवन के दिशा-निर्देश
तिवारी ने बताया कि किसी भी व्यक्ति को खाली पेट दवा का सेवन वर्जित है। सभी दो वर्ष से ऊपर के लोगों को अल्बेंडाजोल, डीईसी, और आइवरमेक्टिन की एकल खुराक दी जाएगी। दो वर्ष से कम के बच्चे, गर्भवती महिलाएं, और गंभीर रोगों से ग्रस्त लोग इस दवा का सेवन नहीं करेंगे।
फाइलेरिया का प्रसार और उसके परिणाम
फाइलेरिया बीमारी के प्रसार के बारे में जानकारी दी गई कि यदि किसी व्यक्ति को फाइलेरिया है और उसे मच्छर काट लेता है, फिर वही मच्छर किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो उस स्वस्थ व्यक्ति को भी फाइलेरिया हो सकता है। इसका कोई इलाज नहीं है।
सुरक्षा और बचाव के उपाय
जो स्वस्थ व्यक्ति लगातार पाँच बार इस दवा का सेवन कर लेता है, वह जीवन भर फाइलेरिया जैसी असाध्य बीमारी से मुक्त हो जाता है। इसलिए सभी को इस दवा का सेवन करना चाहिए और इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेना चाहिए।
समुदाय की भागीदारी
इस अभियान का उद्देश्य फाइलेरिया के प्रसार को रोकना और जनसमुदाय को इस बीमारी से सुरक्षित रखना है। आशा है कि सभी लोग इस कार्यक्रम में सक्रिय रूप से भाग लेंगे और इसे सफल बनाएंगे।