आर्य समाज ने मनाई राष्ट्रीय कार्यकर्ता और भारतीयता के समर्थक इन्द्र विद्यावाचस्पति की जयंती

आर्य समाज नई बाजार बस्ती में साप्ताहिक यज्ञ और स्वाध्याय सत्संग के अवसर पर राष्ट्रीय कार्यकर्ता और भारतीयता के समर्थक इन्द्र विद्यावाचस्पति की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर योग प्रशिक्षक नवल किशोर चौधरी द्वारा यज्ञ कराया गया और उन्हें श्रद्धापूर्वक याद किया गया। इस अवसर पर गरुण ध्वज पाण्डेय योगाचार्य ने बताया कि उनका जन्म 9 नवम्बर, 1889 को पंजाब के जालंधर ज़िले में हुआ था। वे ‘लाला मुंशीराम’ के पुत्र थे जिन्होंने गुरुकुल कांगड़ी की स्थापना की थी और अंत में अपने बच्चों की सहमति से अपनी संपूर्ण मलकियत आर्य समाज को दान कर दी थी। इन्द्र जी की शिक्षा प्राचीन भारतीय परम्परा के अनुसार हुई। सात वर्ष की उम्र में उन्हें गुजरांवाला के गुरुकुल में भेजा गया और संस्कृत के माध्यम से उनका शिक्षण आरम्भ हुआ। बाद में उन्होंने अन्य विषयों का अध्ययन किया। पिता की इच्छा इन्द्र जी को बैरिस्टर बनाने की थी। विदेश जाने के कई अवसर भी आये। पर इन्द्र जी ने इस ओर ध्यान न देकर गुरुकुल कांगड़ी में पहले विद्यार्थी और अध्यापक बनना पसन्द किया।

राजनीति तथा पत्रकारिता
इन्द्र जी सार्वजनिक कार्यों में भी शुरू से ही रुचि लेने लगे थे। कांग्रेस संगठन में सम्मिलित होकर उन्होंने दिल्ली को अपना कार्यक्षेत्र बनाया। 1920-1921 में उनकी गणना दिल्ली के प्रमुख कांग्रेस जनों में होती थी। गुरुकुल के वातावरण के कारण वे ‘आर्य समाज’ से प्रभावित थे। बाद में उनके ऊपर ‘हिन्दू महासभा’ का भी प्रभाव पड़ा। पत्रकार के रूप में उन्होंने दिल्ली के ‘विजय’ और ‘सर्वधर्म प्रचारक’ का सम्पादन किया। उनको सर्वाधिक ख्याति ‘वीर अर्जुन’ के सम्पादक के रूप में मिली। वे इस पत्र के 25 वर्ष तक सम्पादक रहे। ‘विजय’ के एक अग्रलेख के कारण विदेशी सरकार ने उन्हें गिरफ़्तार कर लिया था। ‘नमक सत्याग्रह’ के समय भी उन्होंने जेल की सज़ा भोगी।


इस प्रकार पिता से प्राप्त सम्पूर्ण ऊर्जा को देशहित में लगा दिया। ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती ने बताया कि आज का दिन हमे भाई मतिदास,भाई सतिदास और भाई दयाला के बलिदान की भी याद दिलाता है जब औरंगजेब के अत्याचार का विरोध करते हुए उन लोगों ने उसे पूरी तरह बौखला दिया था। इन लोगों को वह मुसलमान बनाना चाहता था पर उन लोगों ने मृत्यु स्वीकार किया पर धर्म नहीं छोड़ा। भाई मतिदास को आरे से चिरवा दिया गया और भाई सतिदास को रुई में लपेटकर जला दिया गया । आज पूरा देश उनके प्रति कृतज्ञता वयक्त कर रहा है। इसके पश्चात नीलम मिश्रा ने भजन प्रस्तुत किया।


कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्वनाथ आर्य, राम मोहन पाल, अरविन्द साहू, गणेश आर्य, नीतीश कुमार, राधा देवी, महिमा आर्य, राजेश्वरी गौतम, पुनीत कुमार, धर्मेन्द्र कुमार, शिव श्याम, रजनीश कुमार, साक्षी कुमारी, उपेंद्र शर्मा शताक्षी मिश्रा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।
गरुण ध्वज पाण्डेय

Bindesh Yadav
Bindesh Yadavhttps://newsxpresslive.com
I am an experienced Android and web developer with a proven track record of building robust and user-friendly applications for organizations, schools, industries, and commercial use. I specialize in creating dynamic and responsive websites as well as scalable Android apps tailored to specific business needs. I hold a Master of Computer Applications (MCA) from (IGNOU), and a Bachelor of Science (Honours) in CS fromDU I strongly believe in growth through learning and resilience. "Stop worrying about what you've lost. Start focusing on what you've gained."

Related Articles

- Advertisement -

.

softdigi technology website development

Latest Articles