बस्ती: CO ने पत्नी से खराब संबंध बताकर महिला डॉक्टर को झांसा, जयपुर में केस दर्ज

बस्ती: जिले में तैनात आगरा निवासी पुलिस क्षेत्राधिकारी (सीओ) विनय कुमार चौहान और जयपुर की शादीशुदा महिला डॉक्टर के बीच पिछले पांच साल से संबंध थे। सीओ चौहान ने महिला को यह विश्वास दिलाया था कि उनके और उनकी पत्नी के बीच संबंध अच्छे नहीं हैं, जिससे महिला को भरोसा हो गया कि उनके रिश्ते में कोई दखल नहीं देगा। इसी विश्वास के तहत 26 मई की रात महिला सीओ के सरकारी आवास पर आई थी।

महिला मित्र की मौजूदगी के दौरान सीओ की पत्नी और बेटी अचानक वहां पहुंच गईं, जिससे सीओ चौहान हड़बड़ा गए। महिला को उम्मीद थी कि सीओ चौहान उसका समर्थन करेंगे, लेकिन वे अपनी पत्नी और बेटी की ओर खड़े हो गए, जिससे महिला दंग रह गई। पीड़िता ने पुलिस को दी गई तहरीर में लिखा है कि विनय चौहान ने उसे धोखा देकर छोड़ दिया और उसका फोन भी ब्लॉक कर दिया। पीड़िता का आरोप है कि पिछले पांच साल से उसे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया और धोखे में रखा गया।

पीड़िता के मुताबिक, सीओ ने उसे रात दो बजे महिला पुलिस बुलाकर गिरफ्तार करा दिया। इसके बाद मामला बिगड़ गया और पीड़ित महिला जमानत पर छूटने के बाद पुलिस अधिकारियों के पास न्याय की गुहार लगाने पहुंच गई। पुलिस ने शुरुआत में मामले को दबाने की कोशिश की, लेकिन आईजी और डीजीपी के संज्ञान में आने के बाद मामला आगे बढ़ता गया। इस बीच पीड़ित महिला ने जयपुर के एक थाने में सीओ के खिलाफ केस दर्ज करा दिया। घटना स्थल बस्ती होने की वजह से विवेचना के लिए यहां के महिला थाने में केस स्थानांतरित किया गया, जिसे अब सिद्धार्थनगर एसपी को स्थानांतरित किया गया है।

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विनय चौहान से सदर सर्किल का प्रभार हटाया गया

महिला मित्र से मारपीट का मामला सुर्खियों में आने के बाद क्षेत्राधिकारी विनय कुमार चौहान से सदर सर्किल का प्रभार हटा लिया गया। शनिवार को एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने उन्हें क्षेत्राधिकारी कार्यालय के पद पर तत्काल प्रभाव से नियुक्त किया। एसपी ने बताया कि क्षेत्राधिकारी रुधौली सत्येन्द्र भूषण तिवारी को अपने सर्किल के अतिरिक्त सर्किल सदर का भी प्रभार सौंपा गया है। वह थाना कोतवाली, पुरानी बस्ती, वाल्टरगंज और महिला थाना के अपराधिक एवं पूर्व में दिए गए कार्यों का पर्यवेक्षण करेंगे तथा सर्किल सदर और रुधौली में शांति कानून व्यवस्था बनाये रखने के उत्तरदायी होंगे।

इन धाराओं में दर्ज हुआ है केस

  • धारा 341 आईपीसी: अवरोध उत्पन्न करना – सजा: एक वर्ष जेल व जुर्माना
  • धारा 342 आईपीसी: बंधक बनाना – सजा: एक वर्ष जेल व जुर्माना
  • धारा 323 आईपीसी: मारपीट – सजा: एक वर्ष जेल व जुर्माना
  • धारा 504 आईपीसी: अपशब्द कहना – सजा: दो वर्ष जेल व जुर्माना
  • धारा 34 आईपीसी: एकराय होकर हमला
  • एससीएसटी एक्ट: पांच साल तक की सजा और जुर्माना

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