5 सितंबर।
शिक्षक दिवस के अवसर पर स्वामी दयानंद विद्यालय सुरतीहट्टा बस्ती में डॉ सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती अत्यन्त हर्षोल्लास के साथ मनाई गई। इस अवसर पर विद्यालय के बच्चों ने गुरुओं के प्रति कृतज्ञता का भाव प्रकट करते हुए गीत, कविता और भाषण प्रस्तुत किए।

इस अवसर पर शुभकामना देते हुए प्रबंधक ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि शिक्षक राष्ट्र का निर्माता होता है। वह अपने ज्ञान और तपोबल से छात्र को एक आदर्श स्वरूप प्रदान करता है। प्रज्ञाचक्षु स्वामी विरजानन्द सरस्वती महर्षि दयानन्द सरस्वती के गुरु थे, जो मथुरा में आश्रम बनाकर, अपने शिष्यों को वेद-ज्ञान दिया करते थे।
उन्होंने विश्व को दयानन्द जैसा महान शिक्षक दिया जिन्होंने वैदिक संस्कृति को पुनः स्थापित करते हुए वेदों की ओर लौटो का नारा दिया। इससे प्रभावित होकर देश के लिए अपना सर्वस्व समर्पण करने वाले अनेक देशभक्त और विद्वान पैदा हुए। स्वामी दयानन्द ने गुरु की आज्ञा पालन करते हुए

आर्य समाज की स्थापना कर वेदों का ज्ञान हिन्दी भाषा में दिया और स्वामी श्रद्धानन्द, महात्मा हंस राज जैसे शिष्य समाज को दिए। उनका कालजयी ग्रंथ ‘सत्यार्थ प्रकाश’ आज भी हमारा मार्गदर्शन कर रहा है। इस अवसर पर आदित्यनारायण गिरि, अनूप कुमार त्रिपाठी, दिनेश मौर्य, अरविंद श्रीवास्तव ने भी अपने विचार देते हुए शिक्षक की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर अनीशा मिश्रा, पूजा गौतम, ज्योति सोनी, महक मिश्रा, शिवांगी गुप्ता, अंशिका पाण्डेय, स्वप्नल आदि सम्मिलित रहे।
गरुण ध्वज पाण्डेय।