–यदि अवैध संचालन पर नहीं लगा रोक तो दी आंदोलन की धमकी
बस्ती – जनपद का क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) भ्रष्टाचार का गढ़ बन चुका है। वर्ष 2019 के बाद यहां भ्रष्टाचार चरम पर पहुँच गया है। बस्ती ऑटो रिक्शा जन कल्याण समिति के जिला संरक्षक महेंद्र श्रीवास्तव ने मीडिया को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर विज्ञप्ति में उन्होंने कहा कि पूर्व मंडल अधिकारी डॉ० आर.के. विश्वकर्मा और प्रमोटेड एआरटीओ प्रशासन अरुण प्रकाश चौबे के कार्यकाल में करोड़ों रुपये के राजस्व का चूना लगाया गया। आरोप है
कि उन्हीं के संरक्षण में पाँच दर्जन से अधिक डबल डेकर स्लीपर बसों का पंजीकरण बस्ती कार्यालय में किया गया। इनमें से किसी भी वाहन स्वामी का पता उत्तर प्रदेश का नहीं है, बल्कि सभी बाहरी प्रांतों से हैं। इन्हें फर्जी पते पर दर्ज कर पर्यटन परमिट जारी कराया गया और अब ये बसें बिहार से दिल्ली समेत अन्य महानगरों में धड़ल्ले से संचालित हो रही हैं। श्री श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि इन बसों पर लाखों रुपये का पथकर बकाया है
और अधिकांश वाहनों के प्रपत्र (फिटनेस व परमिट संबंधी कागजात) वास्तव में फेल हैं। इसके बावजूद विभाग लगातार इन बसों का फिटनेस प्रमाणपत्र जारी कर रहा है, जबकि वे किसी भी मानक पर खरी नहीं उतरतीं। यह मिलीभगत का सीधा उदाहरण है। इन अवैध बसों का संचालन निजी गुर्गों के हाथों में है जिन्हें विशेष कोड दिया जाता है,
जिससे वाहनों की एंट्री और मूवमेंट नियंत्रित किया जाता है। आए दिन ऐसी बसों से दुर्घटनाएं हो रही हैं और यात्रियों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है। श्री श्रीवास्तव ने आरोप लगाया कि मौजूदा अधिकारी भी अपने पद की जिम्मेदारी निभाने में नाकाम हैं और उन्हीं के संरक्षण में यह खेल जारी है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि तत्काल इस भ्रष्टाचार और अवैध संचालन पर रोक नहीं लगाई गई, तो बस्ती ऑटो रिक्शा यूनियन जन आंदोलन के लिए बाध्य होगी।इस आशय की जानकारी श्री महेंद्र श्रीवास्तव ने एक प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से दी
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