जिले के 106 ईंट-भट्ठे राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) के नियमों का उल्लंघन करते हुए संचालित हो रहे हैं। इस संदर्भ में जिला प्रशासन ने सख्त कदम उठाते हुए इन सभी ईंट-भट्ठों की सूची जारी कर दी है। जिलाधिकारी (डीएम) अंद्रा वामसी ने इन ईंट-भट्ठा संचालकों को दो सप्ताह का समय दिया है ताकि वे एनजीटी के नियमों के अनुरूप लाइसेंस और प्रमाण-पत्र प्राप्त कर सकें। यदि निर्धारित समयावधि में यह कार्यवाही नहीं की जाती है, तो प्रशासन द्वारा उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
एनजीटी ने 2012 में सात बिन्दुओं पर आधारित एक गाइडलाइन जारी की थी, जिसमें ईंट-भट्ठा संचालन के लिए आवश्यक शर्तों को स्पष्ट किया गया था। गाइडलाइन के अनुसार, ईंट-भट्ठा चलाने के इच्छुक व्यक्तियों को राज्य बोर्ड से शुल्क के साथ अनुमति लेनी होगी। इसके अलावा, उन्हें जिला प्रशासन से खनन पट्टा, जिला पंचायत से भट्ठा संचालन की अनुमति, उद्यान विभाग से उत्तर प्रदेश वायु प्रदूषण निवारण अधिनियम समेत अन्य अनापत्ति प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने होंगे।
इस संदर्भ में डीएम अंद्रा वामसी ने जानकारी दी कि खनन विभाग की ओर से जिले के 106 ईंट-भट्ठा संचालकों को नोटिस जारी की जा रही है। इन नोटिसों में स्पष्ट रूप से बताया गया है कि सभी संचालकों को एनजीटी के नियमों का पालन करना अनिवार्य है। दो सप्ताह की समयावधि में नियमों का पालन नहीं करने की स्थिति में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि कुछ ईंट-भट्ठा संचालकों ने एनजीटी के नियमों के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी, लेकिन हाईकोर्ट ने उन्हें कोई राहत नहीं दी है। इसके बाद जिला प्रशासन ने नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए यह कदम उठाया है।
यह कदम जिले में पर्यावरण संरक्षण और वायु गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है। एनजीटी के नियमों का पालन न करने वाले ईंट-भट्ठों पर कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करने से जिले में प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। जिला प्रशासन द्वारा जारी इस निर्देश से सभी ईंट-भट्ठा संचालकों को समय रहते आवश्यक अनुमतियां और प्रमाण-पत्र प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाएगा, ताकि वे कानून के दायरे में रहते हुए अपना व्यवसाय संचालित कर सकें।