मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को अपने मंत्रिमंडल के साथ बैठक की और सभी मंत्रियों को जनता के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकार जनता के लिए है और वीआईपी संस्कृति स्वीकार्य नहीं है।
लोकसभा चुनावों में उत्तर प्रदेश में निराशाजनक परिणामों के बाद, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को अपने मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बैठक की। उन्होंने मंत्रियों को निर्देश दिया कि वे जनता के बीच जाएं, उनकी समस्याएं सुनें और उन्हें हल करें।
मुख्यमंत्री योगी ने स्पष्ट किया कि सरकार का मुख्य उद्देश्य जनता की सेवा करना है। उन्होंने कहा कि मंत्रीगण जनता के साथ संवाद स्थापित करें और उनकी समस्याओं को सुलझाएं। वीआईपी संस्कृति को त्यागकर संवेदनशीलता के साथ काम करें।
मुख्यमंत्री योगी ने मंत्रियों को यह भी निर्देश दिया कि वे केंद्र और राज्य सरकार की उपलब्धियों का प्रचार-प्रसार सोशल मीडिया के माध्यम से व्यापक रूप से करें। जनसुनवाई और सीएम हेल्पलाइन को और प्रभावी बनाने पर जोर दिया। इसके अलावा, ई-कैबिनेट व्यवस्था और सभी विभागों में ई-ऑफिस प्रणाली को प्रभावी ढंग से लागू करने के निर्देश दिए।
प्रदेश की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाने का लक्ष्य हर विभाग का है, जिसके लिए मंत्रियों को नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए गए। मुख्यमंत्री ने कहा कि मंत्रीगण बजट आवंटन और खर्च की समीक्षा करें और परियोजनाओं की समयबद्धता और गुणवत्ता का पूरा ध्यान रखें। उन्होंने पौधारोपण, स्कूल चलो अभियान और संचारी रोग नियंत्रण के प्रयासों को भी सफल बनाने के निर्देश दिए।
लोकसभा चुनाव के बाद यूपी में पहली बार मंत्रिमंडल की बैठक हो रही थी। भाजपा नेतृत्व चुनाव परिणाम से संतुष्ट नहीं है, इसलिए सरकार और संगठन दोनों स्तरों पर समीक्षा का दौर शुरू हो चुका है। कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र में नई सरकार के शपथ लेते ही यूपी में भी मंत्रिमंडल और पार्टी में बदलाव होंगे। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने यूपी में 33 सीटें जीतीं, जबकि पहले 80 सीटों पर जीत का दावा किया जा रहा था। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने सपा-बसपा गठबंधन के बावजूद 62 सीटें जीती थीं और 2014 में 71 सीटें हासिल की थीं।