उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर ज़िले के अहमदगढ़ गाँव में एक बड़ा मामला सामने आया है। बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार 45 वर्षीय मोहम्मद अफ़ज़ल पुलिस हिरासत से भाग निकला। पुलिस का आरोप है कि ग्राम प्रधान मोहम्मद रऊफ़ समेत कई ग्रामीणों ने पुलिस टीम का विरोध किया और अफ़ज़ल को भगाने में मदद की।
जानकारी के अनुसार, 28 अगस्त को अफ़ज़ल के ख़िलाफ़ एक महिला ने शादी का झाँसा देकर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज कराया था। गिरफ्तारी से बचने के बाद पुलिस ने 4 सितंबर को सादे कपड़ों में उसे गाँव से पकड़ा, लेकिन जब ले जाया जा रहा था तभी भीड़ ने पुलिस को रोक दिया। इस दौरान अफ़ज़ल ने एक कांस्टेबल को धक्का देकर भागने की कोशिश की और छत से कूदकर फ़रार हो गया।
ग्रामीणों ने रास्ता रोकने के लिए एक ट्रैक्टर भी खड़ा कर दिया था। घटना के बाद पुलिस ने ग्राम प्रधान सहित 12 लोगों को नामजद और 15–20 अन्य अज्ञात व्यक्तियों के ख़िलाफ़ बीएनएस की गंभीर धाराओं में मुक़दमा दर्ज किया है।
इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है, जिसमें अफ़ज़ल को पुलिसकर्मी को धक्का देकर भागते हुए देखा जा सकता है।
ग्रामीणों का कहना है कि उन्हें सादे कपड़ों में मौजूद पुलिसकर्मियों की पहचान पर संदेह था, जिस कारण भ्रम की स्थिति बनी। उनका कहना है कि वे जाँच में सहयोग को तैयार हैं, लेकिन निर्दोष लोगों को फँसाया नहीं जाना चाहिए।
एसएसपी दिनेश कुमार सिंह ने आश्वासन दिया है कि पूरे मामले की निष्पक्ष जाँच की जाएगी और आरोपी की तलाश में टीमें गठित कर दी गई हैं।