बस्ती। तहसील प्रशासन खनन माफियाओं के सामने पूरी तरह से बेबस नजर आ रहा है। कहीं सरकारी तो कहीं निजी भूमि पर मिट्टी का अवैध खनन धड़ल्ले से जारी है। ग्राम समाज की जमीन पर हो रहे अवैध खनन को लेकर जिम्मेदार मौन हैं।
आवागमन में बाधा
अवैध मिट्टी खनन के कारण सड़कों पर लोगों का आवागमन मुश्किल हो गया है। सड़कें खराब हो रही हैं और गड्ढों से भरी हुई हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
कार्यवाही का अभाव
खनन के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को सूचना देने के बावजूद कोई कार्यवाही नहीं की जा रही है। खनन माफिया प्रतिदिन सैकड़ों ट्रॉली और डंपर से मिट्टी का अवैध खनन कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई सख्त कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
सरकारी जमीन पर गहरे गड्ढे
मिट्टी माफिया कई फीट गहरी खुदाई कर सरकारी जमीन को गड्ढों में तब्दील कर रहे हैं। गांव के तालाब की मिट्टी का खनन कर ठेकेदारों को बेचा जा रहा है। जिम्मेदार अधिकारियों ने इस पर आंखें मूंद ली हैं और मिट्टी का अवैध खनन धड़ल्ले से चल रहा है।
जेसीबी मशीन का उपयोग
तालाब से जेसीबी मशीनों द्वारा मिट्टी की खुदाई कर उसे बेचा जा रहा है। रात के समय में मिट्टी खुदाई का काम जोर-शोर से चल रहा है और प्रशासन मौन बना हुआ है। बस्ती जिले के लालगंज थाना क्षेत्र के चित्राखोर गांव का मामला सामने आया है, जहां यह अवैध खनन की गतिविधियां हो रही हैं।