यूपी में एक तरफ सरकार जीएसटी रिफॉर्म के लिए पूरी तैयारी कर चुकी है। वहीं, जौनपुर में एक मजदूर को 4 करोड़ 42 लाख रूपये बकाया की नोटिस थमा दी गई है। नोटिस मिली तो उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पता ये चला कि मजदूर के नाम जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा कर फर्जी कंपनी खड़ी कर दी गई। केवल एक महीने में ही इस कंपनी ने 24 करोड़ का कारोबार किया। लेकिन, सरकार को टैक्स का भुगतान नहीं किया। जीएसटी विभाग को टैक्स नहीं मिला तो उसने मजदूर को नोटिस भेज दी।
मुंगराबादशाहपुर थाना क्षेत्र के धौरहरा गांव निवासी रोहित सरोज मेहनत मजदूरी करते हैं। दिहाड़ी से ही अपने परिवार का पेट पालते हैं। किसी तरह मुफलिसी में उनके परिवार का जीवन बीत रहा है। इसी बीच जीएसटी विभाग का एक नोटिस रोहित सरोज के परिवार पर बम की तरह गिरा। रोहित को जो नोटिस मिली उसमें 4 करोड़ 42 लाख से अधिक टैक्स बकाया होना बताया गया। इसे जल्द से जल्द चुका देने की बात कही गई थी।मामला जानिए
मुंगराबादशाहपुर के निभापुर में आर.के. ट्रेडर्स नाम से एक फर्म रजिस्टर्ड है। इस फर्म ने बीते जून महीने में 24.55 करोड़ रुपये का व्यवसाय किया। व्यवसाय पर 4,04,2 4,400 रूपये जीएसटी देय बनी। लेकिन, ये टैक्स सरकार को भुगतान नहीं किया गया। विभाग ने भी दोबारा मांगने की जहमत नहीं कि। दो माह तक टैक्स का भुगतान नहीं हुआ तो 30 अगस्त को विभाग ने कंपनी को नोटिस भेज दिया।मचा हड़कंप
साढ़े 24 करोड़ के कारोबार का टैक्स भुगतान नहीं होने पर विभाग ने जो नोटिस आरके ट्रेडर्स को भेजा था। वो सीधे रोहित सरोज के पते पर पहुंच गई। नोटिस रोहित सरोज को मिली तो हड़कंप मच गया। वो इधर-उधर भाग कर सबको नोटिस दिखाने लगा। फिर लोगों ने पुलिस के पास जाने की सलाह दी।नौकरी दिलाने के नाम पर धोखाखड़ी
रोहित ने अधिकारियों से संपर्क किया तो उनके भी होश उड़ गए। समझ में नहीं आया कि इतनी बड़ी रकम का बकाया एक मजदूर से कैसे वसूला जाय। रोहित से पूछताछ हुई तो पता चला कि कुछ दिन पहले एक युवक ने रिश्तेदार बनकर उनसे सांठगांठ शुरू की। फिर नौकरी दिलाने के नाम पर उनसे आधार और पैन ले लिया। इसके बाद रोहित के मोबाइल पर प्राप्त हुआ ओटीपी भी धोखे से मांग लिया। रोहित को पता ही नहीं चला कि ओटीपी जीएसटी रजिस्ट्रेशन के लिए था।
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