निखिल यादव ने कैबिनेट मंत्री भूपेंद्र यादव को भेट की अपनी विवेकानंद आधारित पुस्तक

नारनौल तहसील के छोटे से गांव ढाणी चुड़ैली (फैज़ाबाद) के मूल निवासी निखिल यादव ने शनिवार को भारत सरकार के कैबिनेट मंत्री और वर्त्तमान में पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय सम्भाल रहे अलवर से लोकसभा सांसद भूपेंद्र यादव जी से मिलकर उनको अपनी पुस्तक “अमृतकाल में स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता’ भेट की।

पुस्तक की विशेषताएं

निखिल यादव ने बताया कि यह पुस्तक विवेकानंद केंद्र हिंदी प्रकाशन विभाग से प्रकाशित है, जो जोधपुर में स्थित है। पुस्तक में स्वामी विवेकानंद के जीवन दर्शन के बारे में जानकारी दी गई है और वर्तमान समय में उनके विचारों की प्रासंगिकता पर प्रकाश डालती है।

निखिल यादव का जीवन परिचय

निखिल यादव कपड़ा मंत्रालय की हिंदी सलाहकार समिति के सदस्य नामित किए गए थे। निखिल का बचपन गांव में ही बीता। वे पढ़ाई के लिए पहले नारनौल और बाद में पिताजी की सरकारी नौकरी के कारण पंचकूला चले गए थे। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के दिल्ली कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड कॉमर्स से स्नातक और दिल्ली विश्वविद्यालय के इतिहास विभाग से परास्नातक की। निखिल यादव ने मार्च महीने में दिल्ली स्थित जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में पीएचडी जमा करवाई हैं। निखिल पिछले 8 वर्षों से विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी से जुड़े हुए हैं।

स्वामी विवेकानंद की प्रासंगिकता

स्वामी विवेकानंद के विचारों की प्रासंगिकता आज के समय में भी उतनी ही है जितनी कि पहले थी। उनके विचारों ने हमेशा से लोगों को प्रेरित किया है और आज भी वे लोगों के लिए प्रेरणा का स्रोत हैं।

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