मुआवजे में देरी होने से बस्ती रिंग रोड और 84 कोसी परिक्रमा मार्ग की निर्माण परियोजनाओं रुकी

बस्ती। जिले की प्रमुख सड़क परियोजनाएं लंबे समय से अधर में लटकी हुई हैं। उम्मीद थी कि लोकसभा चुनाव के बाद इन परियोजनाओं के निर्माण में तेजी आएगी, लेकिन मुआवजे की जटिलताओं के चलते ये मामले फंस गए हैं। बस्ती रिंग रोड और 84 कोसी परिक्रमा मार्ग के लिए अब तक सिर्फ एक चौथाई मुआवजा ही वितरित हो सका है। जनवरी माह में बस्ती रिंग रोड के लिए अधिग्रहित जमीनों का मूल्यांकन पूरा कर लिया गया था। इसके तहत 8000 काश्तकारों में 300 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित होना था। लेकिन पांच महीने बीत जाने के बावजूद भी शत-प्रतिशत मुआवजा वितरण नहीं हो पाया। अब तक मात्र 80 करोड़ रुपये ही वितरित हो सके हैं।

इसी तरह 84 कोसी परिक्रमा मार्ग परियोजना भी मुआवजे के चक्कर में अटकी हुई है। जनवरी में 6500 काश्तकारों के लिए 100 करोड़ रुपये का मुआवजा निर्धारित किया गया था, लेकिन अब तक केवल 12 करोड़ रुपये ही वितरित हो पाए हैं। लोकसभा चुनाव के बाद इन परियोजनाओं में तेजी आने के बजाय स्थिति और सुस्त हो गई है।

राजनीतिक बदलाव और परियोजनाओं की सुस्ती

चुनाव पूर्व बस्ती से भाजपा सांसद हरीश द्विवेदी इन परियोजनाओं की मॉनिटरिंग कर रहे थे। लेकिन इस बार सपा से राम प्रसाद चौधरी सांसद बने हैं, जिससे परियोजनाओं की राजनीतिक निगरानी लगभग शून्य हो गई है। इसी कारण मुआवजा वितरण से आगे की प्रक्रिया बाधित हो रही है।

बस्ती रिंग रोड: मुआवजे का वितरण धीमा

बस्ती रिंग रोड के लिए प्रथम चरण में 22.15 किमी लंबाई में फोरलेन सड़क बननी है। इसके लिए 54 गांवों में 111 हेक्टेयर भूमि अधिग्रहित की जानी है। एक साल से अधिक का समय भूमि अधिग्रहण में लग चुका है। दिसंबर 2022 से शुरू हुई यह प्रक्रिया जनवरी 2024 में मूल्यांकन तक पहुंची। अब तक 8000 काश्तकारों में अनुमानित 300 करोड़ रुपये का मुआवजा वितरित होना था, लेकिन फरवरी से शुरू हुई वितरण प्रक्रिया में अब तक केवल 80 करोड़ रुपये ही बांटे जा सके हैं।

टेंडर प्रक्रिया पूरी, निर्माण कार्य अधर में

बस्ती रिंग रोड के लिए केंद्रीय राज्य सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कंपनी ने टीम भी उतारनी शुरू कर दी है। लेकिन जमीन के प्रपत्र मिलने का इंतजार है, जिससे निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है।

84 कोसी परिक्रमा मार्ग: जमीन अधिग्रहण की समस्या

84 कोसी परिक्रमा मार्ग की प्रथम फेज की सड़क बस्ती के मखौड़ा धाम से शुरू होकर हनुमानबाग चकोही होते हुए सरयू नदी पार अंबेडकरनगर जनपद तक जाएगी। इसके लिए 56 में से 50 गांवों की जमीनों का चिह्नांकन 2023 में पूरा हो गया था। मूल्यांकन प्रक्रिया फरवरी 2024 में पूरी हुई। कुल 6500 काश्तकारों में 100 करोड़ से अधिक मुआवजा वितरित होना था, लेकिन अब तक केवल 12 करोड़ रुपये ही दिए जा सके हैं।

परियोजनाओं का भविष्य

84 कोसी परिक्रमा मार्ग के निर्माण का जिम्मा पीडब्ल्यूडी एनएच शाखा को मिला है। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बावजूद जमीन अधिग्रहण की समस्या निर्माण कार्य में बाधा बन रही है। पीडब्ल्यूडी एनएच के एक्सईएन आरके वर्मा ने बताया कि मुआवजा वितरण का काम शुरू हो चुका है और जैसे ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी होगी, निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।

इन परियोजनाओं की सफलता और शीघ्रता से पूरा होने की उम्मीद के बावजूद मुआवजा वितरण की धीमी गति और राजनीतिक निगरानी की कमी के कारण ये अधर में लटकी हुई हैं। प्रशासन और संबंधित विभागों को तेजी से काम करना होगा ताकि इन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को समय पर पूरा किया जा सके।

Related Articles

- Advertisement -

Latest Articles