बभनान। गौर ब्लॉक क्षेत्र में यूरिया खाद की किल्लत बढ़ती जा रही है। अधिकांश समितियों से यूरिया गायब हो गई है, जिससे किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसान दर-दर भटक रहे हैं और उन्हें प्राइवेट दुकानों से महंगे दाम पर यूरिया खरीदनी पड़ रही है।
समितियों ने दिया किसानों को धोखा
खेती-बाड़ी के महत्वपूर्ण समय पर समितियों ने किसानों को निराश किया है। यूरिया लेने के लिए पहुंचने वाले किसानों को खाली हाथ लौटना पड़ रहा है, जिससे उन्हें खुले बाजार में ऊंचे दामों पर यूरिया खरीदने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। अधिक कीमत पर यूरिया खरीदने के बावजूद किसान उसकी गुणवत्ता को लेकर चिंतित हैं।
समितियों में यूरिया की उपलब्धता
विकास खंड क्षेत्र में कुल 13 समितियां हैं, लेकिन मौजूदा समय में केवल एक-दो समितियों को छोड़कर कहीं भी यूरिया उपलब्ध नहीं है। इस समय गन्ने की फसल के लिए यूरिया बेहद जरूरी है और इसकी कमी किसानों के लिए बड़ी मुश्किलें खड़ी कर रही है। प्राइवेट दुकानदार इस स्थिति का लाभ उठाते हुए यूरिया को महंगे दामों में बेच रहे हैं।
महंगे दाम और गुणवत्ता पर संदेह
क्षेत्र के बभनान, गौर, हलुवा बाजार सहित विभिन्न छोटे-मोटे चौराहों पर 330 रुपये से लेकर 340 रुपये प्रति बोरी यूरिया खाद बेची जा रही है, जबकि समितियों पर इसकी कीमत 270 रुपये है। किसानों का कहना है कि एक तो प्राइवेट दुकानों पर यूरिया अधिक दाम पर मिल रही है और दूसरे उसकी गुणवत्ता पर भी संदेह है।
अधिकारियों का बयान
गौर के एडीओ सहकारिता राजीव लोचन पाठक ने बताया कि कई समितियों का निर्माण और मरम्मत का कार्य चल रहा है, जिसके चलते वहां गोदामों में खाद नहीं भेजी जा रही है। महुआडाबर और भरवालिया समिति पर यूरिया खाद उपलब्ध है। अन्य समितियों पर भी जल्द ही यूरिया उपलब्ध कराई जाएगी।
यूरिया खाद की कमी से किसानों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। प्रशासन को शीघ्र ही इस समस्या का समाधान करना होगा ताकि किसान अपनी फसलों को सही समय पर पोषण दे सकें और कृषि कार्य में कोई बाधा न आए।