बस्ती में किसान डिग्री कॉलेज में आयोजित एक कार्यक्रम में शिक्षक एमएलसी देवेंद्र प्रताप सिंह ने शिक्षकों के मुद्दों पर महत्वपूर्ण बयान दिया। उन्होंने कहा कि शिक्षकों को एकजुट होकर अपनी मांगों को लेकर सरकार के सामने आवाज उठानी चाहिए।
एमएलसी ने टीईटी परीक्षा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी और परीक्षा देने की उम्र 20 से 30 साल के बीच होती है। जो शिक्षक 20 वर्षों से अध्यापन कर रहे हैं, उनके लिए अब टीईटी पास करना व्यावहारिक नहीं है।
उन्होंने गुजरात हाईकोर्ट का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां जजों के प्रमोशन के लिए हुई परीक्षा में सभी जज फेल हो गए, फिर भी उनका प्रमोशन कर दिया गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि 2009 में बने आरटीई एक्ट का प्रभाव उससे पहले नियुक्त शिक्षकों पर नहीं पड़ना चाहिए।
देवेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि वे जल्द ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलेंगे। साथ ही सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दाखिल करने के लिए अधिवक्ताओं से परामर्श कर रहे हैं। उन्होंने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वे अंतिम समय तक उनके साथ खड़े रहेंगे।
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