NDA की नई सरकार: सभी दलों ने मांग अलग अलग मंत्रालय
लोकसभा चुनाव में बहुमत मिलने के अगले ही दिन एनडीए ने सर्वसम्मति से नरेंद्र मोदी को नेता चुन लिया। अब मंत्रालयों की होड़ शुरू हो गई है। टीडीपी और जेडीयू ने सीटों में बड़ी भागीदार होने के नाते कैबिनेट में बड़ी हिस्सेदारी मांगी है।
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सूत्रों के मुताबिक, जेडीयू की निगाह रेलवे-कृषि मंत्रालय के साथ बिहार के लिए विशेष पैकेज पर है। टीडीपी ने 5 मंत्रालयों और लोकसभा स्पीकर पद की मांग रखी है। टीडीपी के एक करीबी सूत्र ने कहा कि पार्टी ने ग्रामीण विकास, आवास और शहरी मामले, बंदरगाह और शिपिंग, सड़क परिवहन और राजमार्ग एवं जल शक्ति मंत्रालय की मांग रखी है।
केंद्र सरकार के 10 सबसे ताकतवर और समृद्ध मंत्रालयों में से टीडीपी वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार भी मांग रही है। आंध्र प्रदेश में फ्री की योजनाओं के चलते आर्थिक स्थिति बहुत खराब है। इसलिए नायडू चाहते हैं कि वित्त मंत्रालय का अतरिक्त प्रभार उन्हें मिले।
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7 जून को मोदी को भाजपा संसदीय दल-एनडीए संसदीय दल का नेता चुना जाएगा। इसके बाद राष्ट्रपति के सामने सरकार बनाने का दावा पेश होगा। शपथ ग्रहण 8 जून को हो सकता है। मोदी के साथ कुछ मंत्री भी शपथ ले सकते हैं।
भाजपा को बहुमत नहीं, 14 सहयोगी दलों के 53 सांसदों का समर्थन मिला है। पार्टी को 240 सीटें मिली हैं, जो बहुमत के आंकड़े (272) से 32 सीटें कम हैं। ऐसे में वह 14 सहयोगी दलों के 53 सांसदों के साथ मिलकर गठबंधन सरकार चलाएगी। इसमें चंद्रबाबू की टीडीपी 16 सीटों के साथ दूसरी और नीतीश की जेडीयू 12 सीटों के साथ तीसरी सबसे बड़ी पार्टी है।`