लखनऊ: मंगलवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में 41 प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की गई। इस बैठक में 2024-25 के लिए तबादला नीति को भी हरी झंडी मिल गई।
बैठक में बुंदेलखंड क्षेत्र की 50 में से 26 परियोजनाओं को स्वीकृति दी गई है, जिनकी कुल लागत 10858 करोड़ रुपये है। इसमें 1394 करोड़ रुपये की वृद्धि की गई है। कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने बताया कि सभी परियोजनाओं को दो महीने में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
इसके अलावा निम्नलिखित प्रस्तावों को भी मंजूरी मिली:
- निजी विश्वविद्यालयों को प्रमोट करने और हर मंडल में एक सरकारी विश्वविद्यालय की स्थापना।
- विश्वविद्यालयों के नाम से ‘राज्य’ शब्द हटाकर नाम को संक्षिप्त किया गया है।
- मुरादाबाद विश्वविद्यालय का नाम बदलकर गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय किया गया।
- बरेली में हरित गाजियाबाद और फ्यूचर विश्वविद्यालय की स्थापना।
- प्रयागराज में 2025 के महाकुंभ की तैयारियों के तहत क्षेत्र को 3200 हेक्टेयर से बढ़ाकर 4000 हेक्टेयर किया गया है। मौनी अमावस्या पर करीब छह करोड़ लोगों के आने का अनुमान है। कुंभ के लिए 2500 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं।
- नोएडा में 500 बेड का अस्पताल बनाने की मंजूरी, जो 15 एकड़ भूमि पर बनेगा।
- आईआईटी कानपुर में मेडिकल रिसर्च के लिए स्कूल ऑफ मेडिकल रिसर्च एंड टेक्नोलॉजी की स्थापना। राज्य सरकार प्रति वर्ष 10 करोड़ रुपये देगी, जिससे पांच साल में 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, बाकी सहायता केंद्र से मिलेगी।
- नई तबादला नीति के तहत समूह क, ख, ग, और घ के सभी कर्मचारियों के तबादले 30 जून तक होंगे। जिलों में तीन साल और मंडल में सात साल से अधिक तैनाती वाले कर्मचारियों को हटाया जाएगा। पिक एंड चूज की व्यवस्था समाप्त होगी, सबसे पुराने कर्मचारियों का पहले तबादला होगा। समूह क और ख में अधिकतम 20 प्रतिशत और समूह ग और घ में अधिकतम 10 प्रतिशत कर्मचारियों का तबादला होगा।
यह बैठक में लिए गए निर्णयों से प्रदेश के विकास को गति मिलेगी और लोगों के जीवन स्तर में सुधार आएगा।