वैदिक धर्म से ही मानव और प्राणिमात्र का कल्याण सम्भव है-ओम प्रकाश आर्य

संतकबीरनगर। आर्य समाज यज्ञों, योग कक्षाओं व आयुर्वेदिक औषधियों के द्वारा अपने स्थापना काल से ही जनकल्याण करता आ रहा है वर्तमान में भी कर रहा है और भविष्य में भी करता रहेगा। यह बातें आर्य समाज मगहर संतकबीरनगर के 68वें वार्षिकोत्सव के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि बोलते हुए ओम प्रकाश आर्य प्रधान जिला आर्य उप प्रतिनिधि सभा बस्ती ने कही। उन्होंने कहा कि वैदिक धर्म से ही मानव और प्राणिमात्र का कल्याण सम्भव है। इसके लिए बस्ती मण्डल के इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिकआर्य समाज मगहर के मंत्री ओम प्रकाश आर्य ने बताया कि दिनांक 28 मार्च से चल रहे इस कार्यक्रम का समापन दिनांक 31मार्च को आचार्य देवव्रत आर्य के नेतृत्व में आर्य वीर दल शौर्य प्रदर्शन के साथ होगा।

अग्निहोत्र-चिकित्सा एक वैज्ञानिक पद्धति है – आचार्य शैलेन्द्र

वाराणसी से पधारे आचार्य शैलेन्द्र ने यज्ञ कराते हुए बताया कि अग्निहोत्र-चिकित्सा एक वैज्ञानिक पद्धति है। अग्निहोत्र चिकित्सा द्वारा वेदोक्त रोगकृमि-विनाश, ज्वर-चिकित्सा, उन्माद-चिकित्सा, संक्रमण वाले रोगों की चिकित्सा और गर्भदोष-चिकित्सा की जाती है जो सफल परिणामदायक होती है। बिजनौर से पधारे भजनोपदेशक योगेश दत्त आर्य ने पंच महायज्ञों का महत्व बताते हुए लोगों को नित्य यज्ञ करने की प्रेरणा दी।

अग्निहोत्र से होने वाले अन्य लाभों के बारे में बताते हुए कहा कि इसके लाभों में अनागत रोगों से बचाव, प्राप्त रोगों का दूर होना, वायु-जल की शुद्धि, ओषधि पत्र पुष्प फल कन्दमूल आदि की पुष्टि, स्वास्थ्य, दीर्घायुष्य, बल, इन्द्रिय-सामर्थ्य, शत्रु-पराजय, तेज, यश, सदविचार, सत्कर्मों में प्रेरणा, गृह-रक्षा, भद्र-भाव, कल्याण, सच्चारित्र्य, सर्वविध सुख आदि लाभ प्राप्त होते हैं। बन्ध्यत्व निवारण, पुत्र-प्राप्ति, वृष्टि, बुद्धिवृद्धि, मोक्ष आदि फलों का भी प्रतिपादन भी यज्ञ से होने वाले लाभों में किया जाता है। अतः हमें अग्निहोत्र यज्ञ को अपने जीवन में उचित महत्व देना चाहिये।
इस अवसर पर मुख्य रूप से अमित आर्य, मनोज आर्य, मंगल मुनि, राम प्रसाद, अशोक कुमार आदि ने विशेष सहयोग किया।

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