क्या है किसानों की पीड़ा?

लालगंज। कुआनो नदी में बाढ़ के चलते सैकड़ों बीघा फसल डूब गई है। फसल खराब होने से किसान परेशान हैं। चारों तरफ बाढ़ का पानी भर जाने से पशुओं के चारे का संकट उत्पन्न हो गया है।

प्रभावित गांव

क्षेत्र के बारीघाट, गोनार, कछुआड, बेलवाडाड़ी , रोवा गोवा, टिटिहरी, तुलसीपुर, माधवपुर मसूरिहा, खाखरा अमानाबाद ,जगन्नाथपुर, लालगंज, कटया भक्तपुर, बरतानिया आदि गांवों के किसानों की फसलें पानी मे डूब गई हैं।

किसानों की पीड़ा

मसुरिहा निवासी किसान विभूति सिंह ने बताया कि दोबारा धान की रोपाई की गई थी। बाढ़ के पानी से तैयार धान की फसल पूरी तरह से डूब गई है। पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया है।

बेलवाडाड़ी निवासी राम जनम चौधरी ने बताया कि बाढ़ से एक बार धान की फसल बर्बाद हो गई थी। दोबारा कठिन परिश्रम कर धान की रोपाई कर जब धान की फसल काटने का समय आ रहा था तो बाढ़ के पानी से फसल पूरी तरह से बर्बाद हो रहा है।

कछुआड़े निवासी किसान अजय पाल ने बताया कि इस बार किसानों को दोहरी मार का सामना करना पड़ रहा है।

खाखरा अमानाबाद निवासी किसान संजय गोस्वामी ने बताया कि हर साल कुआने नदी का जलस्तर बढ़ने से धान की फसल चौपट हो जाती है।

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