दस रुपये का सफर, अब क्यों मजबूरी में दो सौ खर्च कर रहे हैं यात्री?

बस्ती। पूर्वोत्तर रेलवे के डोमिनगढ़-जगतबेल के मध्य ऑटोमेटिक सिग्नलिंग और डोमिनगढ़-गोरखपुर के बीच तीसरी लाइन के प्री-नॉन इंटरलॉकिंग कार्य के कारण 27 अक्टूबर तक मेगा ब्लॉक घोषित किया गया है। इस दौरान भटनी-अयोध्या पैसेंजर सहित कई एक्सप्रेस ट्रेनें निरस्त कर दी गई हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

यात्रियों पर बढ़ा आर्थिक बोझ

रेल सेवाएं बंद होने से आम यात्रियों पर आर्थिक बोझ भी बढ़ गया है। जहां पहले लोग दस रुपये में पैसेंजर ट्रेनों से अपनी यात्रा पूरी कर लेते थे, अब उन्हें प्राइवेट वाहनों से सफर करने के लिए 200 रुपये तक खर्च करने पड़ रहे हैं। शुभम, जो बस्ती में एक निजी नौकरी करते हैं, ने बताया कि पहले वे पैसेंजर ट्रेन से महज दस रुपये में सफर कर लिया करते थे, लेकिन ट्रेनें निरस्त होने के कारण अब उन्हें प्रतिदिन आने-जाने में 200 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं।

ग्रामीण यात्रियों को ज्यादा परेशानी

छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वाले ग्रामीण यात्रियों को इस समस्या का सबसे ज्यादा सामना करना पड़ रहा है। सावडीह गांव के रामप्रकाश वर्मा ने बताया कि दीपावली का त्यौहार नजदीक है और ऐसे समय में ट्रेनें निरस्त होने से उनकी परेशानी और बढ़ गई है। पहले वे कम पैसे में पैसेंजर ट्रेनों से अपनी यात्रा पूरी कर लिया करते थे, लेकिन अब उन्हें प्राइवेट वाहनों का सहारा लेना पड़ रहा है, जो उनके बजट पर भारी पड़ रहा है।

लंबे समय तक ट्रेनों के निरस्त होने पर आक्रोश

यात्रियों का कहना है कि रेल विभाग को इतने लंबे समय तक ट्रेनों को निरस्त नहीं करना चाहिए था। इस फैसले से न केवल आम यात्रियों पर आर्थिक बोझ बढ़ा है, बल्कि त्योहारी सीजन में उनकी यात्रा भी मुश्किल हो गई है।

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