धमाकों से पहले ही बिगड़ी शहर की आबोहवा, बढ़ता जा रहा प्रदूषण का स्तर !

नमी के कारण पाल्यूटेंट नहीं उठा ऊपर, प्रदूषण बढ़ा

बस्ती में हाल के दिनों में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। नमी के कारण पाल्यूटेंट भारी होकर वायुमंडल की ऊपरी सतह तक नहीं पहुंच पा रहे, जिससे हवा में धूल और धुंध का गुबार छाया हुआ है। सोमवार की सुबह 10 बजे तक शहर में धूल और धुंध की चादर बिछी रही, जिससे प्रदूषण का स्तर खतरनाक स्थिति में पहुंच गया।

तापमान में गिरावट, लेकिन प्रदूषण में बढ़ोतरी

मौसम के बदलाव से तापमान में गिरावट आई है, मगर इसके साथ ही प्रदूषण का स्तर भी तेजी से बढ़ा है। रविवार को शहर का एक्यूआई (158) दर्ज किया गया, जो खराब स्तर पर था। धुंध और धूल ने दिनभर शहर को ढंके रखा, विशेषकर राजमार्ग और शहरी इलाकों में।

धूल-धुआं और नमी से प्रदूषण में इजाफा

विशेषज्ञों के अनुसार, नमी बढ़ने से धूल और धुएं के कण वायुमंडल में ऊपर नहीं जा पाते, जिससे प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का घनत्व बढ़ जाता है। निर्माण कार्यों से उड़ती धूल, वाहनों का धुआं और अन्य गतिविधियां प्रदूषण में वृद्धि कर रही हैं। मालवीय रोड जैसे इलाकों में उड़ती धूल से वातावरण में प्रदूषण और अधिक हो गया है।

वातावरण में बढ़ रही नमी से प्रदूषण का प्रभाव

आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, अयोध्या के मौसम विज्ञानी डॉ. अमरनाथ मिश्र का कहना है कि इस साल यह स्थिति सामान्य से 10 दिन पहले बनने लगी है। वायुमंडल में नमी के कारण प्रदूषण फैलाने वाले कारकों का आकार बढ़ गया है, जिससे दृश्यता कम हो रही है। खासकर ताल और जलाशयों के ऊपर धुंध ज्यादा देखी जा रही है, जहां पानी से उठने वाली वाष्प के कारण नमी और बढ़ जाती है।

प्रदूषण में टहलने से करें परहेज

सोमवार की धुंध से लोगों को लगा कि मौसम का मिजाज बिगड़ रहा है, लेकिन यह धूल और धुएं के प्रदूषण के कारण था। प्रदूषण वायुमंडल के निचले स्तर पर जमा हो रहा है, जिससे सुबह की सैर से स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि इस मौसम में बाहर टहलने से बचना चाहिए, खासकर अस्थमा के मरीजों को।

अस्थमा मरीजों के लिए विशेष चेतावनी

धूल और धुंध से सांस के रोगियों, खासकर अस्थमा के मरीजों को गंभीर समस्या हो रही है। मेडिकल कॉलेज के टीवी चेष्ट रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रवीण गौतम का कहना है कि अस्थमा के मरीजों को इस मौसम में धूल और धुंध से दूर रहना चाहिए, क्योंकि इससे अस्थमा अटैक का खतरा बढ़ जाता है। मरीजों को नियमित रूप से अपनी दवाएं लेते रहना चाहिए।

पिछले एक हफ्ते का एक्यूआई रिकॉर्ड

  • 15 अक्तूबर: 132
  • 16 अक्तूबर: 129
  • 17 अक्तूबर: 130
  • 18 अक्तूबर: 135
  • 19 अक्तूबर: 142
  • 20 अक्तूबर: 150

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