बस्ती जिले में शुक्रवार को नागपंचमी का पर्व परंपरा, श्रद्धा, और विश्वास के साथ धूमधाम से मनाया गया। मंदिरों में नाग देवता का दूध, दही, और शहद से अभिषेक किया गया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने भगवान शिव और नाग देवता की विशेष पूजा-अर्चना की। इस पर्व की खासियत यह रही कि जिले के विभिन्न स्थानों पर कुश्ती, कबड्डी, और अन्य खेल प्रतियोगिताओं के साथ-साथ आल्हा गायन का आयोजन भी किया गया।
महिलाओं का अनोखा रिवाज:
महिलाओं ने इस पर्व पर विशेष पूजा की। उन्होंने घर की दीवारों पर सांप की आकृतियां बनाकर नाग देवता की पूजा की, जबकि कुछ लोगों ने मंदिरों में जाकर विधिपूर्वक नाग देवता की पूजा-अर्चना की। युवतियों और महिलाओं ने इस पर्व पर गुड़िया पीटने की परंपरा का पालन किया, जो इस क्षेत्र में नागपंचमी का एक अनोखा रिवाज है।
कटेश्वर पार्क में मेला:
शहर के कटेश्वर पार्क में भी नागपंचमी के अवसर पर मेला का आयोजन हुआ, जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल हुए। मेले में स्थानीय संस्कृति और परंपराओं की झलक देखने को मिली, जहां बच्चों और बुजुर्गों ने भी उत्साह से भाग लिया।
बभनान के बागेश्वर नाथ मंदिर में मेला:
बभनान के बाबा बागेश्वर नाथ मंदिर परिसर में भी नागपंचमी के अवसर पर मेला लगा। इस मेले में बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे। यहां के एक और खास आयोजन में गोंडा जिले के स्वामीनारायण छपिया मंदिर परिसर में स्थित तालाब से जल भरकर कांवड़ियों ने जलाभिषेक किया। नगर पंचायत अध्यक्ष प्रबल मालानी ने बताया कि बागेश्वर नाथ मंदिर प्राचीन मंदिरों में से एक है, और हर साल नागपंचमी के अवसर पर यहां विशेष आयोजन होते हैं
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नागपंचमी: एक सांस्कृतिक धरोहर का पर्व
नागपंचमी के इस पर्व ने जिले भर में धार्मिक उत्साह और परंपराओं को नई ऊंचाई दी। इस पर्व का मुख्य आकर्षण नाग देवता की पूजा और विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताएं थीं। लोगों ने परंपरागत रीति-रिवाजों का पालन करते हुए उत्साहपूर्वक इस पर्व को मनाया, जो भारतीय संस्कृति की गहराई और विविधता को दर्शाता है।
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