भिखरिया में दो मौतों से मचा कोहराम – बिजली निगम की लापरवाही पर फूटा ग्रामीणों का आक्रोश !

भिखरिया गांव में गुरुवार की सुबह दो लोगों की मौत से गांव में कोहराम मच गया। भलाई यादव और किशन लाल की असमय मृत्यु की खबर ने पूरे गांव को स्तब्ध कर दिया। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, जबकि ग्रामीणों का आरोप है कि विद्युत निगम की लापरवाही ने इन दोनों की जान ले ली। ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने बार-बार उपकेंद्र पर फोन किया, लेकिन घंटी जाने के बावजूद कोई कर्मी फोन उठाने के लिए तैयार नहीं हुआ।

लापरवाही का गंभीर आरोप


भलाई यादव, जो पांच भाइयों में तीसरे नंबर पर थे, की शादी नहीं हुई थी और वह अपने बड़े भाई रंजीत के साथ रहकर खेती का काम करते थे। वहीं, किशन लाल दिल्ली में एमसीडी के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में सेवा दे चुके थे और पांच साल पहले सेवानिवृत्त होकर खेती-बाड़ी में लगे हुए थे। उनके परिवार में पत्नी सोहरता देवी और चार बच्चे हैं, जिनमें तीन बेटियां और एक बेटा शामिल हैं। उनकी मौत ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है।

बेटे ने पुलिस को दी तहरीर
किशन लाल के बेटे कन्हैयालाल ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनके पिता किशन लाल और भलाई यादव खेत देखने गए थे, जहां भलाई के खेत में लगे बिजली के खंभे के अर्थिंग तार में करंट प्रवाहित हो रहा था। भलाई यादव इस करंट की चपेट में आ गए और उन्हें बचाने के प्रयास में किशन लाल की भी जान चली गई। पुलिस की ओर से इस मामले की जांच की जा रही है, जिसकी पुष्टि सीओ कलवारी ने की है।

दो सितंबर को भी हुआ था हादसा


यह पहली बार नहीं है जब बिजली के खंभे में करंट से मौत हुई हो। इससे पहले दो सितंबर को बैरागल गांव में एक किसान सत्यराम यादव की भी विद्युत खंभे से करंट लगने के कारण मौत हो गई थी, जब एक सांड़ ने उन्हें दौड़ाया और वे खंभे के संपर्क में आ गए।

ग्रामीणों ने बिजली विभाग की गंभीर लापरवाही को इस हादसे का कारण बताया है और उच्च स्तरीय जांच की मांग की है, ताकि इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।

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