दुबौलिया। सरयू नदी का जलस्तर पिछले 24 घंटे से रुक-रुक कर घट रहा है, जिससे कुछ राहत मिली है, लेकिन बाढ़ प्रभावित गांवों में स्थिति अब भी गंभीर बनी हुई है। सोमवार शाम 5 बजे तक केंद्रीय जल आयोग, अयोध्या कार्यालय के अनुसार, नदी का जलस्तर 92.91 मीटर दर्ज किया गया, जो खतरे के निशान 92.73 मीटर से 18 सेंटीमीटर ऊपर है। हालांकि, पिछले चौबीस घंटों में जलस्तर में 6 सेंटीमीटर की कमी आई है, फिर भी खतरा पूरी तरह टला नहीं है।
सुविका बाबू और टेढ़वा गांवों में बदतर हालात, नाव पर निर्भर जीवन
सरयू के घटते जलस्तर के बावजूद सुविका बाबू और आंशिक टेढ़वा गांवों में बाढ़ से उत्पन्न दुश्वारियां जस की तस बनी हुई हैं। यहां के ग्रामीण अभी भी नाव के सहारे अपनी दिनचर्या पूरी करने पर मजबूर हैं। पानी का स्तर घटने के बावजूद इन गांवों में हालात सामान्य नहीं हुए हैं, और लोगों को दैनिक जीवन में भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
तटबंधों पर अभी भी पानी का दबाव, खतरा बरकरार
कटरिया-चांदपुर तटबंध पर खजांचीपुर गांव से लेकर खलवा गांव तक और गौरा-सैफाबाद तटबंध पर पारा गांव के सामने करीब पांच सौ मीटर तक तटबंध पर अभी भी पानी का भारी दबाव बना हुआ है। यह स्थिति स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों के लिए चिंता का कारण बनी हुई है। अगर जलस्तर में और वृद्धि होती है, तो तटबंधों के टूटने का खतरा बढ़ सकता है, जिससे बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो सकती है।
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संवाद
ग्रामीणों ने प्रशासन से राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाने की अपील की है। जलस्तर घटने के बावजूद, अभी भी सावधानी बरतने की आवश्यकता है। प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि वे स्थिति पर कड़ी नजर बनाए हुए हैं और जरूरत पड़ने पर त्वरित कदम उठाए जाएंगे।
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