प्रदेश भाजपा में सियासी उठापटक फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा बृहस्पतिवार को बुलाई गई बैठक में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या की गैरमौजूदगी ने एक बार फिर से सियासी हलचल को तेज कर दिया। केशव प्रसाद मौर्या सीएम आवास के नजदीक स्थित अपने सरकारी आवास पर थे, और दिनभर विभिन्न पूर्व व वर्तमान मंत्रियों से मिलते रहे, लेकिन सीएम की बैठक में शामिल नहीं हुए।
लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा बैठक
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मंडलवार भाजपा और सहयोगी दलों के जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर लोकसभा चुनाव में हार की समीक्षा कर रहे हैं। इसी क्रम में बृहस्पतिवार को उन्होंने मेरठ और प्रयागराज मंडल के विधायकों की बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भाजपा के साथ अपना दल (एस) के विधायक भी मौजूद थे, लेकिन केशव प्रसाद मौर्या नहीं पहुंचे, जबकि वह लखनऊ में ही थे। बैठक में पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, नंद गोपाल गुप्ता उर्फ नंदी समेत सभी विधायक मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सभी विधायकों से विधानसभावार लोकसभा चुनाव के परिणामों पर चर्चा की और हार के कारणों की जानकारी ली।
कैबिनेट की बैठकों से भी दूरी
लोकसभा चुनाव परिणाम के बाद से केशव प्रसाद मौर्या मुख्यमंत्री की उपस्थिति में होने वाली किसी भी बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं। यहां तक कि उन्होंने कैबिनेट की बैठकों से भी दूरी बना रखी है। इसे लेकर राजनीतिक गलियारों में तरह-तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बैठक में गैरमौजूदगी पर केशव से संपर्क करने की भी कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया। उनके करीबी का कहना है कि सीएम की बैठक के समय उप मुख्यमंत्री का कहीं और एक कार्यक्रम था, इसलिए वह बैठक में नहीं पहुंच सके।
मुलाकातों का दौर: मोती सिंह समेत कई नेता पहुंचे
भले ही केशव प्रसाद मौर्या मुख्यमंत्री की बैठक में नहीं पहुंचे, लेकिन उन्होंने अपने सरकारी आवास पर दिनभर विभिन्न नेताओं और जनप्रतिनिधियों से मुलाकात की। बृहस्पतिवार को उनके आवास पर पूर्व मंत्री राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह, पूर्व मंत्री उपेन्द्र तिवारी और राज्यमंत्री दिनेश खटीक समेत कई लोग उनसे मिले। इसकी जानकारी खुद केशव ने अपने एक्स हैंडल से दी और मुलाकात की तस्वीरें भी साझा कीं।
पल्लवी पटेल की मुख्यमंत्री से मुलाकात
बुधवार को अपना दल (कमेरावादी) की नेता और सपा विधायक पल्लवी पटेल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर सियासी गलियारों में हलचल मचा दी। सूत्रों के मुताबिक पल्लवी करीब 25-30 मिनट तक मुख्यमंत्री आवास पर रहीं। मुलाकात के विषय पर पल्लवी ने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया, जबकि उनके करीबी सूत्रों का कहना है कि वह अपने क्षेत्र के विकास के मुद्दे पर मुख्यमंत्री से मिलने आई थीं। उल्लेखनीय है कि भाजपा की सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल ने मुख्यमंत्री को ओबीसी आरक्षण के मुद्दे पर पत्र लिखा था, जिसे लेकर राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा हुई थी। ऐसे में अब पल्लवी की मुख्यमंत्री से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं।
निष्कर्ष
प्रदेश भाजपा में चल रही सियासी उठापटक ने विभिन्न मुद्दों को जन्म दिया है और इन घटनाओं के पीछे छिपे कारणों पर चर्चा जारी है। केशव प्रसाद मौर्या की गैरमौजूदगी और पल्लवी पटेल की मुख्यमंत्री से मुलाकात ने प्रदेश की राजनीति में नई हलचल पैदा कर दी है। अब देखना यह है कि आने वाले दिनों में इन घटनाओं का प्रदेश की राजनीति पर क्या असर पड़ता है।