हाल ही में किए गए एक अध्ययन से पता चला है कि भारत में हर छठा व्यक्ति उच्च रक्तचाप (बीपी) से पीड़ित है, लेकिन अधिकांश को इसके बारे में जानकारी नहीं है। हाइपरटेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा देश के सौ केंद्रों पर किए गए इस अध्ययन में 15,000 से अधिक लोगों की जांच की गई। अध्ययन के परिणाम यूरोपियन हार्ट जर्नल में प्रकाशित हुए हैं।
अध्ययन के मुख्य बिंदु
अध्ययन में यह सामने आया कि 16.4 प्रतिशत लोगों को इस बात की जानकारी नहीं थी कि वे बीपी की समस्या से गुजर रहे हैं। इसमें पुरुषों की संख्या अधिक रही।
बीपी की बढ़ती समस्या
प्रो. नरसिंह वर्मा, हाइपरटेंशन सोसाइटी ऑफ इंडिया के पदाधिकारी और केजीएमयू के फिजियोलॉजी विभाग के पूर्व अध्यक्ष, ने बताया कि बीपी या हाइपरटेंशन तेजी से बढ़ती समस्या बन गई है। विशेषकर गर्मी के मौसम में इसकी संख्या और बढ़ जाती है। इस समस्या को लेकर जागरूकता बढ़ाने और नियंत्रण के लिए मई में बीपी मापने की व्यवस्था शुरू की गई थी।
अध्ययन के आंकड़े
मई 2021 में किए गए अध्ययन में 15,045 लोगों का बीपी मापा गया, जिन्हें पहले बीपी की समस्या की जानकारी नहीं थी। इनकी औसत उम्र 39 साल थी। अध्ययन में पाया गया कि 16.4 प्रतिशत यानी 2,461 लोगों का बीपी बढ़ा हुआ था।
आयु के अनुसार बीपी की स्थिति
अध्ययन में पाया गया कि उच्च रक्तचाप की समस्या अधिक उम्र के लोगों में अधिक थी:
- 70 साल से अधिक उम्र के 25.9 प्रतिशत लोग बीपी से पीड़ित थे।
- 60 से 69 साल के बीच के 24.3 प्रतिशत लोग प्रभावित थे।
- 40 से 49 साल के आयु वर्ग के 21.4 प्रतिशत लोग बीपी की समस्या का सामना कर रहे थे।
अध्ययन में शामिल विशेषज्ञ
इस अध्ययन में विभिन्न डॉक्टरों और विशेषज्ञों की टीम शामिल थी, जिनमें डॉ. अनुज माहेश्वरी, डॉ. नरसिंह वर्मा, डॉ. जलीस फातिमा, और अन्य शामिल थे।
बीपी को नियंत्रित करने के उपाय
राजकीय आयुर्वेद कॉलेज के डॉ. धर्मेंद्र के अनुसार, आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप को मुख्य रूप से आहार और जीवनशैली से जोड़ा गया है। अर्जुनारिष्ट और प्रभाकर वटी जैसी दवाएं बीपी को नियंत्रित करने में सहायक हो सकती हैं। इसके अलावा, जीवनशैली में सुधार जैसे कि जल्दी उठना, योग और व्यायाम करना, और तनाव कम करना, बीपी को नियंत्रित करने में मददगार साबित हो सकते हैं।