आर्य समाज की स्थापना और वन्दे मातरम् लेखन के 150वर्ष पूरे हो रहे हैं। इस अवसर पर प्रधानमंत्री के निर्देश पर देश में दोनों की सार्द्ध शताब्दी मनाई जा रही है। इसी कड़ी में आर्य समाज नई बाजार बस्ती के 52वें वार्षिक उत्सव में चतुर्वेद शतकम वैदिक यज्ञ आयोजित किया गया है।
इस अवसर पर बोलते हुए मुख्य वक्ता आचार्य शैलेन्द्र ने बताया कि वेद सब सत्य विद्याओं का पुस्तक है इसके पढ़ने और पढ़ाने से ही राष्ट्र का कल्याण सम्भव है।
क्योंकि इसका मुख्य उद्देश्य सबकी शारीरिक, आत्मिक और सामाजिक उन्नति करना है। आर्य समाज देश के विकास का एक मजबूत स्तम्भ है। इसके पूर्व पण्डित शिवकुमार शास्त्री के ब्रह्मात्व में आयोजित यज्ञ में सीमा आयुष श्रीवास्तव, अमित कुमार, उपेन्द्र शर्मा, घनश्याम आर्य, डॉ प्रेम प्रकाश शर्मा, रोहित आर्य सपत्नीक यजमान रहे। उन्होंने बताया कि यज्ञ से सारी मुश्किलें आसान होती हैं और अपार आत्मबल प्राप्त होता है।
भजनोपदेशक पंडित राम मगन और पंडित राजेश पंछी जी ने अपने भजनोपदेश के माध्यम से लोगों को सामाजिक और पारिवारिक एकता के सूत्र बताए। प्रधान ओम प्रकाश आर्य ने कहा कि आर्य समाज देश को उत्तम और संस्कारवान नागरिक देने के साथ ही समाज की रक्षा के लिए युवक और युवतियां तैयार कर रहा है।कार्यक्रम का संचालन करते हुए आचार्य देवव्रत आर्य ने बताया कि इस कार्यक्रम की पूर्णाहुति 12दिसम्बर को होगी।












