गोंडा में पुलिस के सामने युवती की छत से कूदने की घटना, अखिलेश यादव ने सीएम योगी को घेरा बोले- “प्रदेश में डंका फट रहा, सीएम दूसरे प्रदेश में डंका बजा रहे हैं”

उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के परसपुर इलाके से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां एक युवती पुलिस के सामने छत से कूद गई। युवती गंभीर रूप से घायल हो गई और उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसके बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाए।

सपा मुखिया का ट्वीट, सीएम योगी पर निशाना

वीडियो सामने आने के बाद अखिलेश यादव ने सीएम योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए एक्स (Twitter) पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, “जब दूसरे प्रदेशों के ‘चुनावी प्रचार’ से फुरसत पा जाएं तो अपने प्रदेश का ये वीडियो देख लें। जब उनके अपने प्रदेश में डंका फट रहा है, तो दूसरे प्रदेश में डंका बजाने कैसे जा सकते हैं?” अखिलेश ने प्रदेश में बढ़ती हिंसा और बिगड़ती कानून व्यवस्था के प्रति सरकार की चुप्पी पर सवाल उठाया।

घटना का विस्तृत विवरण

घटना 13 नवंबर की है, जब जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर पुलिस और राजस्व विभाग की टीम परसपुर गांव में सार्वजनिक परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटाने के लिए गई थी। इस दौरान गांव के निवासी रघुराज सिंह की बेटियों, एकता और साधना सिंह ने विरोध करना शुरू कर दिया। उन्होंने आरोप लगाया कि जब ट्राली हटाने की कार्रवाई की गई तो विरोध में पुलिसकर्मियों पर ईंट-पत्थर फेंके गए।

पुलिसकर्मियों पर हमला, युवती की आत्महत्या की कोशिश

विरोध के दौरान महिला कांस्टेबल मंगला सिंह यादव को थप्पड़ मारे जाने का आरोप है। इसके बाद विरोध जताते हुए युवती ने पुलिस के सामने ही छत से कूदने का कदम उठाया। इस घटनाक्रम के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई और स्थानीय लोग इकट्ठा हो गए। युवती को तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उसकी हालत गंभीर बताई जा रही है।

लेखपाल की तहरीर पर केस दर्ज

घटना के बाद, लेखपाल अवधेश चौबे की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। प्रभारी निरीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है। पुलिस ने परिक्रमा मार्ग से अतिक्रमण हटाने की प्रक्रिया पूरी की है, और इस मामले में जांच जारी है।

स्थानीय प्रशासन का बयान

अधिकारियों के अनुसार, घटना के बाद बड़ी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई थी, लेकिन प्रशासन ने स्थिति को नियंत्रण में किया। यह पूरा घटनाक्रम प्रशासन की कड़ी कार्रवाई के बावजूद हुआ, जिससे कानून व्यवस्था की स्थिति पर सवाल खड़े हो रहे हैं।

निष्कर्ष

गोंडा में हुई यह घटना न केवल प्रशासन की कार्रवाई को लेकर सवाल उठाती है, बल्कि यह प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति को भी उजागर करती है। अब देखना होगा कि राज्य सरकार इस मामले में आगे क्या कदम उठाती है, और क्या इस घटना का असर आगामी चुनावों में सरकार की छवि पर पड़ेगा।

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