बस्ती के जिला अस्पताल में सर्जरी व्यवस्था पूरी तरह से फेल हो चुकी है। एक माह से अधिक समय बीत गया है, लेकिन ऑपरेशन थियेटर अभी भी बंद पड़ा है। यहां की सी-आर्म और ऑटो क्लेव मशीनें खराब हो चुकी हैं, जिन्हें ठीक करने में अस्पताल प्रशासन अब तक असफल रहा है। इस कारण सर्जरी के मरीजों को वापस भेजा जा रहा है, जिससे अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में कमी आई है।
मरीज माफिया सक्रिय, सर्जरी मरीजों की हो रही रेफर
जिला अस्पताल में इस समय मरीज माफियाओं का बोलबाला है। हड्डी टूटने या गंभीर चोट लगने वाले मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद सर्जरी के लिए अन्य स्थानों पर रेफर किया जा रहा है। यह स्थिति माफियाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जो मरीजों को निजी नर्सिंग होम्स में पहुंचाने का काम कर रहे हैं। जानकारों का कहना है कि मरीज माफियाओं के कारण ही ऑपरेशन थियेटर को चालू नहीं किया जा रहा है।
खराब मशीनें और बंद ऑपरेशन थियेटर
जिला अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में सर्जरी के लिए आवश्यक सी-आर्म और ऑटो क्लेव मशीनें जून महीने से खराब पड़ी हैं। अस्पताल प्रशासन द्वारा इंजीनियरों को बुलाकर इन्हें ठीक कराने की कोशिश की गई, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हो पाया। इसके कारण अस्पताल में सर्जरी संबंधी सभी केस प्रभावित हो रहे हैं, और नियमित सर्जरी न होने से अन्य उपकरण भी खराब हो रहे हैं।
सर्जरी मरीजों को लौटाया जा रहा है
मार्ग दुर्घटनाओं और अन्य कारणों से आने वाले सर्जरी के मरीजों को प्राथमिक उपचार के बाद वापस भेजा जा रहा है। हर दिन दो से चार मरीज रेफर किए जा रहे हैं, जिससे अस्पताल के सर्जरी वार्ड खाली पड़े हैं। केवल मेडिकल वार्ड में ही मरीजों की कुछ संख्या देखने को मिल रही है।
मरीज माफियाओं की सक्रियता, ओटी बंद का फायदा
अस्पताल में पहुंचते ही मरीज माफिया सक्रिय हो जाते हैं, और प्राथमिक उपचार के बाद मरीजों के तीमारदारों को ओटी बंद होने की जानकारी देकर उन्हें निजी नर्सिंग होम्स में भेजने की कोशिश की जाती है। कुछ चिकित्सक भी इस काम में माफियाओं की मदद कर रहे हैं, और ड्यूटी के बाद निजी नर्सिंग होम्स में जाकर मरीजों का इलाज कर रहे हैं। इसका नतीजा यह हो रहा है कि मरीजों को भारी रकम चुकानी पड़ रही है।
नए मशीनों की मांग, जल्द ही ओटी होगा चालू
जिला अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. वीके सोनकर का कहना है कि सी-आर्म और ऑटो क्लेव मशीनों को ठीक कराने के लिए आपूर्तिदाता कंपनी के इंजीनियर बुलाए गए थे, लेकिन वे इन्हें ठीक नहीं कर पाए। अब नई मशीनों की मांग शासन से की गई है। जैसे ही नई मशीनें आवंटित होंगी, ऑपरेशन थियेटर को चालू कर दिया जाएगा।
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