महिला डॉक्टर एवं स्टॉफ की सुरक्षा के लिए मेडिकल कॉलेज का स्वरूप बदलने लगा है। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट डॉक्टर के साथ हुई हैवानियत के बाद यहां भी मेडिकल कॉलेज और अस्पताल कैंपस की सुरक्षा की मांग उठी थी। आंदोलित रेजिडेंट एवं इंटर्न डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को पिछले दिनों इस आशय का मांग पत्र भी सौंपा था।
सुरक्षा के लिए उठाए गए कदम
- सीसीटीवी कैमरे: गेट से लेकर परिसर और वार्ड से लेकर इमरजेंसी तक सीसीटीवी कैमरों से लैस किया जा रहा है। पहले चरण में कुल 50 कैमरे लगाए जा रहे हैं।
- महिला स्टॉफ रूम: महिला डॉक्टर एवं अन्य महिला स्टॉफ के लिए पृथक स्टॉफ रूम तैयार किया गया है। यहां ड्यूटी के दौरान केवल महिला डॉक्टर और महिला स्टॉफ ही रह सकती हैं।
- सुरक्षा गार्ड: अस्पताल के अंदर सिक्योरिटी गार्ड की संख्या बढ़ाने की कवायद शुरू हो गई है। वर्तमान में 36 सिक्योरिटी गार्ड हैं, लेकिन 100 गार्ड की और मांग की गई है।
अस्पताल परिसर में सुधार
- लाइटिंग व्यवस्था: परिसर में अस्पताल एवं आवासीय क्षेत्र की सभी सड़कों पर लाइटिंग की व्यवस्था दुरुस्त कर दी गई है।
- चहारदीवारी की मरम्मत: अस्पताल परिसर की टूटी चहारदीवारी की मरम्मत करा दी गई है, जिससे अनाधिकृत लोगों का प्रवेश रोका जा सकेगा।
रात्रिकालीन ड्यूटी की स्थिति
महिला रेजिडेंट एवं इंटर्न डॉक्टरों की रात्रिकालीन ड्यूटी नहीं लगाई जा रही है। आंदोलन के दौरान डॉक्टरों ने रात्रि के समय महिला डॉक्टरों को ड्यूटी पर तैनात न करने की भी मांग उठाई थी।
पुलिस चौकी की आवश्यकता
रेजिडेंट डॉक्टरों ने मेडिकल कॉलेज परिसर में पुलिस चौकी स्थापित करने की मांग उठाई थी। हालांकि, इस दिशा में अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
निष्कर्ष
कोलकाता की घटना के बाद मेडिकल कॉलेज प्रशासन ने सुरक्षा के मानकों को दुरुस्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं। सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य शुरू हो गया है और महिला स्टॉफ रूम की व्यवस्था कर दी गई है। शासन से स्वीकृति मिलते ही गार्डों की संख्या बढ़ जाएगी।
- डॉ. समीर श्रीवास्तव, सीएमएस
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