बस्ती, 31 दिसम्बर। जहां आज की बालिकाएं फैशन और आधुनिकता की दौड़ में व्यस्त हैं, वहीं कुछ बेटियां अपने शारीरिक, बौद्धिक और चारित्रिक विकास के लिए पुरुषार्थ करती दिखाई देती हैं। ये बेटियां न केवल अपने परिवार बल्कि देश के लिए भी गौरव और स्वाभिमान का प्रतीक बनेंगी।
यह विचार उत्तर प्रदेश गौ सेवा आयोग के उपाध्यक्ष महेश शुक्ल ने आर्य समाज नई बाजार बस्ती द्वारा स्वामी दयानंद विद्यालय, सुरतीहट्टा में आयोजित चारित्र निर्माण शिविर के समापन अवसर पर व्यक्त किए। उन्होंने कहा, “शिविर में दी गई शिक्षा और प्रशिक्षण बालिकाओं को एक सशक्त भारतीय नारी का स्वरूप प्रदान करेगी।”
शिविर की शुरुआत और सम्मान समारोह

शिविर का शुभारंभ ध्वजारोहण के साथ किया गया। आयोजक ओम प्रकाश आर्य ने अतिथियों का स्वागत अंगवस्त्र और साहित्य भेंट कर किया। राजमाता अशिमा सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि “चरित्र बल सबसे बड़ा बल है, और आत्मरक्षा का ज्ञान इसे पूर्णता प्रदान करता है। वैदिक शिक्षा के माध्यम से बेटियों को सशक्त बनाने का यह प्रयास सराहनीय है।”
बालिकाओं का प्रदर्शन
आचार्य योगेंद्र मेधावी के निर्देशन में और श्रद्धा तथा सविता रानी के मार्गदर्शन में बालिकाओं ने विभिन्न प्रदर्शन किए।
- शारीरिक कौशल: सूर्य नमस्कार, भूमि नमस्कार, नियुद्धम् (जूडो), और व्यायाम के आकर्षक प्रदर्शन।
- कलात्मक क्रियाएं: इण्डिया गेट, ऊंची मीनार, डबल पद्मासन, ऊंट चाल, कमल विकास और मानव पुल जैसे अद्वितीय आसनों ने दर्शकों का मन मोह लिया।
आर्य वीरांगनाओं ने अपने प्रदर्शन से न केवल वाहवाही लूटी बल्कि शारीरिक और मानसिक शक्ति का अनोखा उदाहरण पेश किया।
अतिथियों का योगदान और सुझाव
संस्कृत प्रवक्ता श्रीमती कमलेश पांडे, श्रीमती नीलम सिंह और अन्य अतिथियों ने इस प्रयास की सराहना करते हुए सुझाव दिया कि इस प्रकार के शिविर अन्य विद्यालयों में भी आयोजित किए जाएं।
आयोजन का समापन और सम्मान
कार्यक्रम का संचालन आदित्य नारायण गिरि ने किया। उन्होंने घोषणा की कि आर्य वीर दल अन्य विद्यालयों में भी इस प्रकार के शिविरों का आयोजन करेगा ताकि बच्चों में देशभक्ति और आत्मरक्षा की भावना प्रबल हो सके।
कार्यक्रम के अंत में सबसे छोटी प्रतिभागी यशी पांडे को विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
उपस्थित गणमान्य व्यक्ति
इस अवसर पर नितीश कुमार, अरविंद श्रीवास्तव, अनूप त्रिपाठी, सौम्या पांडे, शिवांगी, महक मिश्रा और अन्य प्रमुख लोग उपस्थित रहे। शिविराध्यक्ष ओम प्रकाश आर्य ने सभी का आभार व्यक्त करते हुए आर्य समाज के जनजागरण अभियानों को निरंतर जारी रखने का संकल्प दोहराया।
यह शिविर बालिकाओं के शारीरिक और चारित्रिक विकास का एक प्रेरणादायक उदाहरण बना, जो न केवल व्यक्तिगत विकास बल्कि समाज और राष्ट्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण संदेश लेकर आया।