देश एवं समाज को समृद्ध, संस्कारवान एवं सम्पन्न बनाने में युवा शक्ति का विशेष योगदान होता है। एक चरित्रवान विद्यार्थी अपने देश को सम्पूर्ण विश्व में गौरवान्वित करता है। आर्य वीर दल वह कार्यशाला है जहाॅ से चरित्रवान, बलिष्ठ, सुसंस्कृत और अनुशासित युवकों का निर्माण होता है। इन्हीं तपे हुए नवयुवकों के कन्धे पर देश का भविष्य निर्भर है

उक्त बातें राहुल आर्य प्रशिक्षक सार्वदेशिक आर्य वीर दल दिल्ली प्रदेश ने ओम प्रकाश आर्य प्रधान आर्य समाज नई बाजार बस्ती के निर्देशन में जी वी एम कान्वेंट स्कूल बस्ती में आयोजित आर्य वीर दल के व्यक्तित्व विकास और आत्मरक्षा शिविर के अवसर पर बच्चों की बौद्धिक कक्षा के दौरान कही।

आचार्य देवव्रत आर्य ने कहा कि देश में आर्य वीर दल जैसे संगठनों की आवश्कता है जो समाज को सही व नई दिशा दे सकता हैं। ज्ञात हो कि गत 21 मई को प्रारम्भ हुआ यह शिविर 28 मई को सम्पन्न होगा। शिविर संयोजिका श्रीमती विजयलक्ष्मी संतोष सिंह ने बताया कि क्षेत्र के विभिन्न हिस्सों से आर्य वीर, वीरांगनाएं इस शिविर में जहां शारीरिक शिक्षा प्राप्त कर तन से स्वस्थ रह सकेंगी वहीं योग, आसन व प्राणायाम सीखकर मन से भी सबल व स्वस्थ हो सकेंगी। शिविर के दौरान सहायक प्रशिक्षक राम तनय आर्य द्वारा बालक बालिकाओं में आपसी प्रेम, भाईचारा, स्वावलंबन तथा परस्पर सहयोग की भावना भरने के लिए विभिन्न क्रिया कलाप कराए जा रहे हैं।

आर्यवीरों को यज्ञ का प्रशिक्षण देते हुए गरुण ध्वज पाण्डेय और महिमा आर्य ने बताया कि जल, ताप एवं वायु से ही हम जीवन धारण करते हैं। यज्ञ के द्वारा ही हम इनका शोधन करते हैं। जिसमें जल व ताप के बिना हम कुछ समय तक जीवित रह सकते हैं पर शुद्ध वायु ऑक्सीजन के बिना हम जीवित नहीं रह सकते। इसलिए यज्ञ व योग हमारे जीवन का आधार है। इस अवसर पर शिक्षक अनूप कुमार त्रिपाठी, गिरीश शुक्ल और सेविका उमा तथा यशोदा ने बच्चों को जलपान कराया।
गरुणध्वज पाण्डेय
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