-शिकायती पत्रों को रद्दी टोकरी में डाल वसूली की जुगत में लगा रहता है बिजली विभाग
बस्ती संवाददाता - बिजली विभाग का कारनामा किसी से छिपा नहीं है । देश के 75% से ऊपर घरों में बिजली की समस्या व्याप्त है चाहे वह फर्जी बिलिंग का हो या फिर मीटर गड़बड़ी का या सेवा, सुविधा से जुड़ा मामला हो । विभाग अपनी सुविधाओं का यदि बारीकी से सर्वे कराकर फीडबैक ले तो मामला चौंकने वाला आयेगा ।
प्राप्त समाचार के अनुसार - कप्तानगंज बाजार में विद्युत घरेलू कनेक्शन संख्या - 75 1608775701 एक व्यक्ति के नाम से जारी था । विद्युत बिल मूल्य 18009.OO ( अठारह हजार नौ ) रूपये के बकाए के कारण विद्युत विभाग ने उपरोक्त कनेक्शन की विद्युत सप्लाई नोटिस संख्या 2158 प्रपत्र - 1 दिनांक 8 मार्च 2018 जारी करते हुए काट दिया। इसी दौरान कनेक्शन धारक दिनांक 27 मार्च 2018 को स्वर्गवासी हो गए। मृत्यु उपरान्त उनके भाई ने दिनांक 18/12 /2018 को संपूर्ण समाधान दिवस व दिनांक 12/O3 /2019 को लिखित शिकायती पत्र देकर अपने मृतक भाई जयराम के नाम से जारी विद्युत कनेक्शन संख्या - 751608775701 को स्थायी रूप से विच्छेदन की मांग किया था
जिस पर विभाग ने अद्यतन कोई कार्यवाही नहीं किया बल्कि प्रार्थना पत्र को या तो गायब कर दिया या फिर रद्दी की टोकरी में डालकर बिना विद्युत उपभोग के लाखों का बिल भेजते हुए आवेदक का उत्पीड़न करने पर उतारू है । कनेक्शन धारक की मृत्यु के बाद इनके वैधानिक वारिसान द्वारा विद्युत विभाग को कनेक्शन संयोजन सम्बन्धी न तो कोई प्रार्थना पत्र दिया गया न ही कनेक्शन जोड़ा गया फिर भी कनेक्शन धारक के वारिसान को लाखों का वसूली नोटिस भेजकर परेशान किया जा रहा है। कप्तानगंज का यह प्रकरण विद्युत विभाग के लिए केवल बानगी मात्र है यदि गहनता से नजर दौड़ाएं तो बिजली विभाग की इस प्रकार की बीमारी बहुसंख्यक घरों में मिलेगी । बिजली विभाग के लिए शिकायती पत्र मायने नहीं रखता यहाँ तो बिजली विभाग पंजीकृत शिकायतों को रद्दी की टोकरी में डालकर हमेशा वसूली की जुगत में लगा रहता है।