लंबे समय से आकांक्षाओं के प्रतीक के रूप में देखा जाने वाला आकाश कभी भारत में आम लोगों के लिए एक अप्राप्य सपना था। इस अंतर को पाटने के लिए भारत सरकार के नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 21 अक्टूबर, 2016 को क्षेत्रीय संपर्क योजना (आरसीएस) – उड़ान (“उड़े देश का आम नागरिक”) का शुभारंभ किया था। जिसका विजन हवाई चप्पल पहनने वाला एक आम भारतीय नागरिक को भी हवाई यात्रा करने में सक्षम बनाना था।
अर्थात इस योजना का उद्देश्य सभी के लिए उड़ान को सुलभ और किफ़ायती बनाकर विमानन का लोकतंत्रीकरण करना था। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा कार्यान्वित, इस प्रमुख योजना ने तब से भारत के क्षेत्रीय संपर्क परिदृश्य को बदल दिया है। इसी योजना को मूर्तरूप प्रदान करने तथा यूपी के पूर्वांचल क्षेत्र में बेहतर एविएशन कनेक्टिविटी बनाने व व्यापार तथा पर्यटक यात्रियों की सुविधा के लिए बहुत बड़ा परिवर्तन होने जा रहा है। प्रक्रिया के तहत उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले में महायोगी गोरखनाथ एयरपोर्ट का विस्तार जल्द शुरू करने की तैयारी की जा रही है। जिसमें लगभग 42 एकड़ जमीन में गोरखपुर शहर में एयरपोर्ट का नया टर्मिनल भवन निर्माण करवाया जाएगा।
इसके लिए अब एयर फोर्स की ओर से करीब करीब 42.20 एकड़ जमीन एयरपोर्ट को भेंट की जा चुकी है। जिसमें पर जिला प्रशासन और एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया, एयरफोर्स के भी बीएच एमओयू पर हस्ताक्षर करवाया जा चुका है। इसी बीच 3 महीने में इसका डिजाइन तैयार करवा कर लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अब टेंडर प्रक्रिया प्रारंभ हो जाएगी. उसके बाद निर्माण कार्य में 1000 करोड रुपए की राशि खर्च की जाएगी। मिली जानकारी के अनुसार बताया गया है
कि चार सालों में नया टर्मिनल भवन का निर्माण करवाकर तैयार हो जाएगा। इसी बीच एयरपोर्ट का प्रमुख रूप से विस्तार करने के लिए एयरपोर्ट से मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस की जमीन देने की योजना तैयार की गई है। अब जमीन वर्तमान समय में एयरपोर्ट से सिटी में शामिल है एयरफोर्स की कई बिल्डिंग भी मौजूद है जिसमें एयरफोर्स से कॉलोनी की तरफ से शिफ्ट करवाने की तैयारी शुरू हो चुकी है। भवन निर्माण कार्य अब लगभग लगभग पूरा किया जा चुका है अब इसके बाद में एमईएस परिसर में बने भवन को तोड़वा दिया जाएगा। फिर टेंडर की प्रक्रिया आरंभ की जाएगी।इस योजना के अंतर्गत एयरपोर्ट का विस्तार होने के बाद यात्रियों को बेहतर और नई तरह की सुविधाएं मिल पाएंगी।