पहले 18.35 प्रतिशत थी जन्म दर, जो घटकर 14.85 प्रतिशत हुई
नई दिल्ली
दिल्ली में कोविड-19 के संक्रमणीय प्रकोप के बाद जन्म दर में गिरावट दर्ज की गई है। प्रति एक हजार जनसंख्या पर जन्म दर 18.35 से घटकर 14.85 प्रतिशत हो गई है। दिल्ली में जन्म एवं मृत्यु पंजीकरण की वार्षिक रिपोर्ट-2023 के अनुसार वर्ष 2005 से 2019 के दौरान जन्म दर 18 से 22 प्रतिशत थी, जो कोविंड 19 के बाद वर्ष 2020 से 2023 के दौरान 13 से 15 प्रतिशत ही रह गई।
हालांकि दिल्ली सरकार के अर्थशास्त्र एवं सांख्यिकी निदेशालय एवं मुख्य रजिस्ट्रार (जन्म एवं मृत्यु) की ओर से जारी रिपोर्ट में इस गिरावट के कारणों का उल्लेख नहीं है। वर्ष 2019 में जन्म दर जहाँ 18.35 प्रतिशत थी, वह घटकर 2020 में 14.85, 2021 में 13.13, 2022 में 14.24 और 2023 में 14.66 प्रतिशत ही दर्ज की गई। रिपोर्ट के अनुसार 13,919 गैर-संस्थागत जन्म (घरों में) में से 7,216 (51.84 प्रतिशत) महिलाएं थीं। 3,01,168 संस्थागत जन्मों में से 1,94,428 (64.56 प्रतिशत) जन्म सरकारी अस्पतालों में हुए। इनमें से 1,43,891 (47.78 प्रतिशत) महिलाएं थीं।
लिंगानुपात की बात करें तो रिपोर्ट के अनुसार दिल्ली में यह पिछले तीन साल से लगातार घट रहा है। वर्ष 2022 में प्रति 1000 पुरुषों पर 929 महिलाएं थीं, जो वर्ष 2023 में 922 रह गईं। इससे आशंका बढ़ रही है कि प्रतिबंध के बावजूद जन्म से ही पहले ही भ्रूण लिंग की जांच का सिलसिला अब भी जारी है, जिसकी वजह से कन्या भ्रूण हत्या हो रही है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जनगणना 2011 के अंतिम आंकड़ों के अनुसार सभी आयु समूहों के लिए दिल्ली का एकीकृत लिंगानुपात वर्ष 2001 में 821 था। वर्ष 2011 में यह संख्या प्रति 1000 पुरुषों पर 868 महिलाएं हो गई थीं। वहीं, दिल्ली में बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष) मामूली रूप से बढ़ा है। जनगणना वर्ष 2001 के अनुसार यह प्रति हजार में 868 था, जबकि वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार 871 था।