बस्ती: CM योगी आज कर सकते हैं बस्ती की यात्रा, करेंगे नई घोषणाएं??

बस्ती। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पांच जून को बस्ती आ रहे हैं। सुबह 10 बजे सर्किट हाउस सभागार में अधिकारियों के साथ उनकी बैठक प्रस्तावित है। इस बैठक में मुख्यमंत्री विकास कार्यों की समीक्षा करेंगे, लेकिन महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति आधी-अधूरी होने के कारण अधिकारियों के लिए चुनौतीपूर्ण साबित हो सकती है।

जिले में सड़क, पेयजल और तकनीकी शिक्षा से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाएं अब तक पूरी नहीं हो पाई हैं। इनमें से कुछ परियोजनाओं की प्रगति केवल 50 प्रतिशत ही हुई है, जबकि कुछ जगहों पर इससे भी कम है। कुछ भवन बन चुके हैं, लेकिन उनमें साज-सज्जा के कार्य अभी बाकी हैं।

रिंग रोड और परिक्रमा मार्ग की स्थिति

बस्ती रिंग रोड और 84 कोसी परिक्रमा मार्ग जैसी महत्वपूर्ण परियोजनाओं का निर्माण अभी तक शुरू नहीं हो सका है। रिंग रोड की टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, लेकिन मुआवजे की प्रक्रिया अभी अधूरी है। 84 कोसी परिक्रमा मार्ग का भी यही हाल है। 6500 काश्तकारों में मुआवजा वितरण की प्रक्रिया अभी तक पूरी नहीं हो पाई है।

जल जीवन मिशन की अधूरी परियोजनाएं

जिले में जल जीवन मिशन के तहत 855 परियोजनाएं स्वीकृत हुई थीं, जिनमें से केवल 127 परियोजनाएं ही पूरी हो पाई हैं। बाकी 728 परियोजनाएं अभी अधूरी हैं। मार्च 2024 तक हर घर नल का सपना पूरा करने का लक्ष्य था, लेकिन पाइपलाइन लीकेज और अन्य समस्याओं के कारण पानी की आपूर्ति नहीं हो पा रही है।

तकनीकी शिक्षा और अन्य महत्वपूर्ण परियोजनाएं

मुंडेरवा में पीपीपी मॉडल का आईटीआई अभी तक पूरी नहीं हो पाई है। इस परियोजना की स्वीकृति 2020 में मिली थी, लेकिन निर्माण कार्य अब भी अधूरा है। इसी प्रकार, कस्तूरबा गांधी माध्यमिक विद्यालय और हथियागढ़ में राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज जैसी परियोजनाएं भी अधर में हैं।

अन्य लंबित कार्य:

  • छावनी में राम जानकी मार्ग सड़क परियोजना के तहत फ्लाईओवर का निर्माण पूर्ण नहीं हुआ।
  • बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पारकोपाइन, नोज और ठोकर का निर्माण पूरा नहीं हुआ, जिससे तटबंध की सुरक्षा खतरे में है।
  • शहर में फौब्बारा तिराहा से रोडवेज तक मालवीय मार्ग का निर्माण घोषणा के एक साल बाद भी शुरू नहीं हुआ।
  • रेलवे स्टेशन रोड पर आधे हिस्से की सड़क का निर्माण अब तक शुरू नहीं हो सका।
  • मेडिकल कॉलेज के ओपेक चिकित्सालय में वेल्टीनेटर और डायलिसिस की सुविधा बहाल नहीं हुई। कार्डियोलॉजी और रेडियोलॉजी विभाग संचालित नहीं हो पाए।
  • जिला अस्पताल में डिजिटल एक्स-रे, सिटी स्कैन और अल्ट्रासाउंड की सुविधा बहाल नहीं हुई।

मुख्यमंत्री की आगामी यात्रा में इन सभी अधूरी परियोजनाओं की समीक्षा की जाएगी, जिससे अधिकारियों के लिए जवाबदेही की परीक्षा साबित हो सकती है। अधिकारियों को डाटा बेस रिपोर्ट पर निर्भर रहने के बजाय वास्तविक प्रगति को दिखाना होगा, अन्यथा उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है।

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