गुजरात राज्य के अहमदाबाद से लंदन के गैटविक एयरपोर्ट जा रहा बोइंग का 787 ड्रीमलाइनर विमान गुरुवार को क्रैश हो गया। यह विमान टेकऑफ के महज पांच मिनट बाद ही एयरपोर्ट से कुछ दूरी पर स्थित मेघानीनगर में एक रिहायशी इलाके में इमारत से टकरा गया। इस घटना के बाद दुनियाभर के नेताओं ने घटना पर शोक जताया और हताहतों के परिजनों को लेकर संवेदना व्यक्त की। इस बीच खबर आई कि गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रुपाणी भी इस एयर इंडिया की फ्लाइट में सवार थे। जो अपनी बेटी से मिलने लंदन जा रहे थे। और हादसे में उनके मौत की आधिकारिक पुष्टि भी हो गई है।
इस बीच यह जानना अहम है कि भारत में कब-कब और कौन से नेताओं की विमान हादसे में जान गई है? यह हादसे किस तरह के थे और इनके बारे में क्या जानकारी सामने आई थी? आइये जानते हैं…
सुभाष चंद्र बोस (महान स्वतंत्रता सेनानी)
कब हुआ निधन: 18 अगस्त, 1945
कहां: ताइहोकू एयरपोर्ट, ताइवान (अब ताइपे)
कैसे: जापानी सैन्य विमान उड़ान भरते समय दुर्घटनाग्रस्त हुआ। दावा किया जाता है कि नेताजी जलकर बुरी तरह घायल हुए और अस्पताल में उनकी मौत हो गई। हालांकि, उनकी मृत्यु को लेकर आज भी संदेह जाहिर किए जाते हैं। साथ ही उनके जिंदा बचने को लेकर भी कुछ थ्योरी भी दी जाती रही हैं। हालांकि, केंद्र सरकार कभी गोपनीय रहे दस्तावेजों को सार्वजनिक कर समय-समय पर साफ करती रही है कि नेताजी का हादसे में निधन हो गया था और उनकी अस्थियां जापान के टोक्यो स्थित रेनकोजी मंदिर में रखी हैं।
संजय गांधी (पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के बेटे, पूर्व सांसद)
कब हुआ निधन: 23 जून, 1980
कहां: सफदरजंग हवाई अड्डा, नई दिल्ली
कैसे: संजय गांधी सुबह एक प्रशिक्षण उड़ान भर रहे थे। वे खुद विमान उड़ा रहे थे और उनका प्लेन करतब के दौरान नियंत्रण से बाहर होकर दुर्घटनाग्रस्त हो गया। तब उनकी उम्र महज 33 वर्ष थी।
माधवराव सिंधिया (कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री)
कब: 30 सितम्बर, 2001
कहां: मैनपुरी के पास, उत्तर प्रदेश
कैसे: माधवराव सिंधिया एक राजनीतिक रैली को संबोधित करने के लिए एक चार्टर्ड विमान (बीचक्राफ्ट किंग एयर सेसना C-90) से दिल्ली से उत्तर प्रदेश के कानपुर के लिए जा रहे थे। उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद उनका विमान खराब मौसम और तकनीकी खराबी के चलते उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले के मोटला गांव के पास क्रैश हो गया। विमान में आग लग गई और सिंधिया भी नहीं बच पाए। साथ ही एक पत्रकार, पायलट और सह-पायलट की भी मौत हो गई थी।
जीएमसी बालयोगी (तत्कालीन लोकसभा अध्यक्ष एवं टीडीपी नेता)
कब: 3 मार्च, 2002
कहां: कोव्वदलांका गांव के पास, कृष्णा जिला, आंध्र प्रदेश
कैसे: लोकसभा अध्यक्ष रहते हुए जीएमसी बालयोगी एक कार्यक्रम के लिए भारतीय वायुसेना के विमान बेल 206 हेलीकॉप्टर से यात्रा कर रहे थे। हेलीकॉप्टर आंध्र प्रदेश के मछलीपट्टनम से उड़ान भरने के कुछ ही देर बाद तकनीकी खराबी के कारण नियंत्रण खो बैठा और आपात लैंडिंग की कोशिश में एक दलदली क्षेत्र में क्रैश हो गया। हादसे में बालयोगी, उनके निजी सुरक्षा अधिकारी और पायलट की मौके पर ही मौत हो गई।
ओपी जिंदल और सुरेंद्र सिंह
(हरियाणा के ऊर्जा मंत्री, उद्योगपति ओपी जिंदल और हरियाणा के कृषि मंत्री और पूर्व सीएम बंशीलाल के बेटे सुरेंद्र सिंह)
कब: 31 मार्च, 2005
कहां: सहारनपुर के पेड़ू गांव के पास, उत्तर प्रदेश
कैसे: हरियाणा के कृषि व राजस्व मंत्री सुरेंद्र सिंह एक किंग हेलिकॉप्टर में दिल्ली से चंडीगढ़ लौट रहे थे। सहारनपुर के पास चिकित्सकीय आपात स्थिति के दौरान इमरजेंसी लैंडिंग के प्रयास के दौरान हेलीकॉप्टर तकनीकी खराबी से दुर्घटनाग्रस्त हो गया। हादसे में हरियाणा के ऊर्जा मंत्री ओपी जिंदल और पायलट सहित कुल तीन की मौत हुई।
वाईएस राजशेखर रेड्डी
(आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता)
कब: 3 सितंबर, 2009
कहां: नल्लामला जंगल, कुरनूल जिला, आंध्र प्रदेश
कैसे: आंध्र प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी एक सरकारी हेलीकॉप्टर बेल 430 से हैदराबाद से चित्तूर जिले के एक कार्यक्रम के लिए उड़ान भर रहे थे। हवाई यात्रा के दौरान उनके हेलीकॉप्टर का संपर्क रडार से टूट गया। भारी बारिश और खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर नल्लामल्ला के घने जंगलों में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस घटना में वाईएसआर समेत सभी पांच सवारों का निधन हो गया था। करीब 24 घंटे तक सघन तलाशी अभियान चलने के बाद उनका मलबा और शव बरामद किए गए। इस दुर्घटना में उनके साथ पायलट, को-पायलट, एक मुख्य सचिव और एक सुरक्षा अधिकारी की भी मौत हुई।
दोर्जी खांडू (अरुणाचल प्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री)
कब: 30 अप्रैल, 2011
कहां: तवांग, अरुणाचल प्रदेश
कैसे: अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री दोर्जी खांडू एक पवन हंस AS350 B3 हेलिकॉप्टर में तवांग से इटानगर की उड़ान भर रहे थे। उड़ान के लगभग 20 मिनट बाद हेलिकॉप्टर का संपर्क टूट गया। भारी बारिश एवं खराब मौसम के कारण हेलिकॉप्टर 13 हजार फीट की ऊंचाई पर सेला पास के करीब दुर्घटनाग्रस्त हो गया। करीब चार दिन बाद 4 मई, 2011 को मलबा और सभी 5 शव पाए गए, जिसमें मुख्यमंत्री, दो पायलट, सुरक्षा अधिकारी और एक अन्य व्यक्ति शामिल थे।
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