उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल क्षेत्र के विकास को नई रफ्तार देते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज शुक्रवार को गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का विधिवत कार्यक्रम द्वारा उद्घाटन किया। लोकार्पण का समारोह करीब 92 किमी लंबे लिंक एक्सप्रेसवे के दोनों छोरों, आजमगढ़ के सलारपुर और गोरखपुर के भगवानपुर टोल प्लाजा के पास हुआ। लोकार्पण की औपचारिकता के बाद मुख्यमंत्री ने जनसभा को भी संबोधित किया।
गौरतलब हैं कि गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे वे को पूर्वांचल के विकास के नए गेटवे के रूप में देखा जा रहा है। विकास की असीम संभावनाओं को प्रशस्त करने वाले मार्ग के रूप में तैयार किए गए इस एक्सप्रेसवे वे की कुल लंबाई 91.35 किमी है। यह गोरखपुर के एनएच-27 पर जैतपुर के पास से शुरू होकर आजमगढ़ के सलारपुर में पूर्वांचल एक्सप्रेसवे से मिलता है। चार जिलों गोरखपुर, संतकबीरनगर, अंबेडकरनगर और आजमगढ़ में पड़ने वाला पूर्णतः प्रवेश नियंत्रित यह एक्सप्रेसवे फोरलेन में निर्मित है और इसे भविष्य में सिक्स लेन तक विस्तारित भी किया जा सकता है।
एक्सप्रेसवे वे की इस परियोजना पर भूमि अधिग्रहण सहित 7283.28 करोड़ रुपए की लागत आई है। गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे का निर्माण दो पैकेजों गोरखपुर के जैतपुर से अंबेडकरनगर के फुलवरिया तक (48.317 किमी) तथा फुलवरिया से आजमगढ़ के सलारपुर तक (43.035 किमी) किया गया है। पहले पैकेज का निर्माण कार्यदायी संस्था के रूप में एपको इंफ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड और दूसरे पैकेज का निर्माण दिलीप बिल्डकॉन लिमिटेड ने कराया है।
गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे से आवागमन सुगमता की मिसाल बनेगा। स्थानीय स्तर पर गोरखपुर के दक्षिणांचल (उरूवा, धुरियापार, खजनी, बेलघाट) जाने में स्थानीय लोगों को काफी कम समय लगता था। अभी गोरखपुर मुख्यालय से उरूवा जाने में एक घंटे लग जाते हैं, लेकिन लिंक एक्सप्रेसवे वे पर फर्राटा भरते हुए समीपस्थ चैनेज से उतरकर सिर्फ 20 से 25 मिनट लगेंगे। यही नहीं, गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे वे गोरखपुर से लखनऊ जाने के लिए भी एक बेहतरीन और कम समय व्यय वाला विकल्प है।
प्रवेश नियंत्रित मार्ग होने से लिंक एक्सप्रेस वे से वाया पूर्वांचल एक्सप्रेस वे, गोरखपुर से लखनऊ की दूरी साढ़े तीन घंटे में तय हो सकेगी। इसके अलावा, इसकी कनेक्टिविटी से लोग लखनऊ से होकर दिल्ली से लेकर आगरा तक के शानदार सफर का आनंद ले सकेंगे। यह स्पीडी होने के साथ सुरक्षित भी होगा।
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