लखनऊ में दस्तक: चीन के वायरस एचएमपीवी का बढ़ता खतरा!

चीन से शुरू हुआ ह्युमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) अब लखनऊ में दस्तक दे चुका है। शहर की एक 60 वर्षीय महिला में इस वायरस की पुष्टि हुई है। निजी लैब की रिपोर्ट के अनुसार, महिला एचएमपीवी पॉजिटिव पाई गई है। इस खबर ने स्वास्थ्य विभाग को सतर्क कर दिया है।

महिला की स्थिति और अस्पताल में भर्ती

महिला को पहले चरक अस्पताल में भर्ती कराया गया था, लेकिन बाद में रात 11 बजे उन्हें बलरामपुर अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया। निजी लैब द्वारा की गई जांच में उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। इसके बाद, महिला को बलरामपुर अस्पताल के वार्ड नंबर 11 के आइसोलेशन में रखा गया है। नमूने को आगे की जांच के लिए केजीएमयू (किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी) भेजा गया है। महिला लखनऊ के कैंट क्षेत्र की निवासी हैं और उनकी स्थिति पर लगातार नजर रखी जा रही है।

स्वास्थ्य विभाग हुआ सतर्क

एचएमपीवी के मामले सामने आने के बाद, स्वास्थ्य विभाग ने सतर्कता बढ़ा दी है। देशभर में बुधवार तक इस वायरस के 11 मामले दर्ज किए गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि हालांकि लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है, लेकिन सतर्कता आवश्यक है।

वायरस के लक्षण और बचाव के उपाय

एचएमपीवी जुकाम, बुखार, खांसी, और सीने में जकड़न जैसे फ्लू के लक्षण पैदा करता है। इसके संक्रमण से बचाव के लिए निम्नलिखित सावधानियां बरती जा सकती हैं:

  • ठंड के बावजूद पर्याप्त मात्रा में पानी पीते रहें।
  • भीड़भाड़ वाली जगहों पर मास्क का उपयोग करें।
  • फ्लू जैसे लक्षणों वाले मरीजों से दूरी बनाएं।
  • साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखें।

वायरस के बारे में जानकारी

ह्युमन मेटा न्यूमो वायरस (एचएमपीवी) न्यूमोविरडी वायरस परिवार का हिस्सा है। यह कोई नया वायरस नहीं है। यह वायरस पिछले 60 वर्षों से वातावरण में मौजूद है, लेकिन इसकी पहचान 2001 में पहली बार नीदरलैंड में हुई थी। उस समय बच्चों में इस वायरस के संक्रमण की पुष्टि हुई थी। भारत में इस वायरस की पहली पुष्टि 2003 में बीजे मेडिकल कॉलेज और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी, पुणे द्वारा की गई थी।

मौसमी संक्रमण का हिस्सा

एचएमपीवी को मौसमी बीमारी की श्रेणी में रखा गया है। आमतौर पर इसका संक्रमण जाड़े के मौसम में अधिक होता है। यह वायरस फ्लू जैसे लक्षण देता है और कई बार बिना किसी विशेष लक्षण के ही खत्म हो जाता है।

समापन

हालांकि एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है और आमतौर पर इससे गंभीर स्थिति उत्पन्न नहीं होती है, लेकिन सतर्कता और सावधानी जरूरी है। स्वास्थ्य विभाग और चिकित्सा विशेषज्ञ इस वायरस की निगरानी कर रहे हैं और लोगों को जागरूक करने के प्रयास कर रहे हैं। संक्रमण से बचाव के लिए सुझाए गए उपायों का पालन करना महत्वपूर्ण है।

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