भारत और चीन ने 2025 की गर्मियों में कैलाश मानसरोवर यात्रा फिर से शुरू करने का फैसला किया।

भारत-चीन सीमा से सोमवार को दो महत्वपूर्ण खबरें सामने आईं, जिनका व्यापक असर व्यापार, रोजगार, और धार्मिक यात्राओं पर पड़ सकता है। पहली खबर ने व्यापारिक वर्ग और चीन में नौकरी की तलाश कर रहे लोगों को राहत दी, जबकि दूसरी खबर भगवान शिव के भक्तों के लिए विशेष खुशी लेकर आई। दोनों देश सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने और कैलाश मानसरोवर यात्रा को बहाल करने पर सहमत हो गए हैं।

सीधी हवाई सेवाएं फिर से शुरू

कोविड-19 महामारी के दौरान 2020 में बंद हुई भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू करने पर दोनों देश सैद्धांतिक रूप से सहमत हो गए हैं। यह कदम व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल मानी जा रही है।

बीजिंग में भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री और चीनी विदेश मंत्री वांग यी के बीच हुई बैठक के दौरान इस समझौते पर सहमति बनी। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने दोनों देशों के बीच आपसी सहयोग और विश्वास को बढ़ाने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को एक-दूसरे की सफलता को संदेह की नजर से देखने के बजाय, साझेदारी के अवसरों का लाभ उठाना चाहिए।

कैलाश मानसरोवर यात्रा की बहाली

धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण कैलाश मानसरोवर यात्रा भी फिर से शुरू की जाएगी। यह निर्णय भगवान शिव के भक्तों के लिए बड़ी खुशखबरी है। लंबे समय से इस यात्रा पर रोक लगी हुई थी, लेकिन अब दोनों देशों ने इसे फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की है।

विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस फैसले से दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक संबंध मजबूत होंगे। कैलाश मानसरोवर यात्रा न केवल धार्मिक महत्व रखती है, बल्कि यह भारत-चीन के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान का भी प्रतीक है।

तनावपूर्ण संबंधों में सुधार की कोशिश

गौरतलब है कि डोकलाम विवाद और अरुणाचल प्रदेश व तिब्बत सीमा पर लंबे समय से जारी तनाव ने भारत-चीन संबंधों को काफी प्रभावित किया था। 2020 में दोनों देशों के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे। डोकलाम में हुई सैन्य झड़पों में जान-माल का नुकसान भी हुआ था।

हालांकि, दोनों पक्षों ने अब राजनयिक, आर्थिक और सांस्कृतिक संवाद को बहाल करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। पर्यवेक्षकों का मानना है कि यह चीन और भारत के बीच राजनीतिक और आर्थिक संबंधों में सुधार का संकेत है।

भारत का दृष्टिकोण

बैठक के दौरान, भारतीय विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने राजनयिक संबंधों की स्थापना की 75वीं वर्षगांठ पर चीन के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता व्यक्त की। उन्होंने शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के अध्यक्ष के रूप में चीन के कार्यों का समर्थन करने की भारत की इच्छा भी जाहिर की।

निष्कर्ष

भारत और चीन के बीच सीधी हवाई सेवाओं और कैलाश मानसरोवर यात्रा को फिर से शुरू करने का निर्णय दोनों देशों के संबंधों में एक सकारात्मक बदलाव का संकेत है। यह कदम व्यापारिक, सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है और भविष्य में दोनों देशों के बीच बेहतर सहयोग का मार्ग प्रशस्त कर सकता है।

Bindesh Yadav
Bindesh Yadavhttps://newsxpresslive.com
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