कोतवाली क्षेत्र के पिकौरा दत्तुराय निवासी अविनाश सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर एक दर्दनाक घटना की जानकारी दी थी। उन्होंने बताया कि 12 जुलाई को दोपहर दो बजे मोहल्ले के लोगों ने उन्हें फोन पर सूचित किया कि उनके घर में मारपीट और तोड़-फोड़ की जा रही है। जब अविनाश सिंह अपने घर पहुंचे, तो उन्होंने देखा कि मोहित यादव, जो उनके यहां किराये पर कमरा लेकर रहता था, उसे आदित्य विक्रम सिंह, पुलकित गर्ग, सत्यम कसौधन, मोनू, सैय्यद इलहान और उनके साथ अन्य लोग मिलकर बेरहमी से पीट रहे थे।
मारपीट और अपहरण की घटना
मोहित यादव को उसके कमरे में पीटने के बाद, आरोपियों ने घर में तोड़-फोड़ भी की। मोहित यादव जब बाथरूम में छिपने की कोशिश कर रहा था, तो आरोपियों ने उसे वहां से खींचकर बाहर निकाला और कुछ दूर पैदल चलते हुए मुख्य मार्ग पर ले गए। इसके बाद चार पहिया वाहन में उसे अगवा कर लिया गया। अविनाश सिंह की तहरीर के आधार पर पुलिस ने तुरंत मामला दर्ज कर लिया था, लेकिन तब से मोहित यादव का कहीं पता नहीं चल रहा था।
हत्या और शव का पता लगाना
एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने प्रेसवार्ता में बताया कि मारपीट के दौरान ही मोहित यादव की मौत हो गई थी। आरोपियों ने उसकी हत्या करके शव को कुआनों में फेंक दिया था। पुलिस ने मुख्य आरोपी आदित्य विक्रम सिंह सहित तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है और उनसे पूछताछ की जा रही है।
पुलिस की कार्रवाई
पुलिस ने अविनाश सिंह की तहरीर के आधार पर तुरंत कार्रवाई शुरू की और मामले की गहन जांच की। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने मामले की विस्तृत जानकारी दी। एसपी गोपाल कृष्ण चौधरी ने कहा कि पुलिस ने आरोपियों को पकड़ने और न्याय दिलाने के लिए हर संभव प्रयास किए हैं।
सामुदायिक प्रतिक्रिया
इस घटना से स्थानीय समुदाय में काफी आक्रोश और चिंता है। लोग उम्मीद कर रहे हैं कि पुलिस इस मामले को पूरी गंभीरता से लेगी और दोषियों को सख्त सजा दिलाएगी। मोहित यादव के परिवार को न्याय मिलना बहुत जरूरी है, ताकि ऐसे अपराधों को रोका जा सके और समाज में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
कोतवाली क्षेत्र के पिकौरा दत्तुराय में हुई इस घटना ने सभी को झकझोर कर रख दिया है। पुलिस की तत्परता और सक्रियता से आरोपियों को पकड़ने में सफलता मिली है, जिससे पीड़ित परिवार को कुछ हद तक राहत मिली है। न्याय की उम्मीद के साथ, यह आवश्यक है कि दोषियों को सख्त सजा दी जाए ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।