पाकिस्तान के नेताओं को भारत की नकल करने की आदत लग गई है। इस बार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बुलडोजर मॉडल की नकल नवाज शरीफ की बेटी मरियम नवाज ने की है। मरियम, जो पाकिस्तानी पंजाब की मुख्यमंत्री हैं, ने बुलडोजर को अपने अलग-अलग शहरों में दौड़ा दिया। लेकिन इस नकल के चक्कर में मरियम नवाज के बुलडोजर ने एक बड़ी गलती कर दी।
बुलडोजर एक्शन की शुरुआत
पंजाब राज्य में दिन दहाड़े बुलडोजर ने पंजा मारना शुरू किया तो देखने वालों की सांसें रुक गईं। चंद मिनटों में ही बुलडोजर ने बिल्डिंग के सामने का हिस्सा खींचकर गिरा दिया। पीले पंजे की ताकत के सामने इमारतें ज्यादा देर तक टिक नहीं पाईं। एक-एक वार के साथ बड़े-बड़े हिस्से जमीन पर गिरते गए। थोड़ी देर बाद जब कैमरों ने बुलडोजर का एक्शन रिकॉर्ड किया तो पूरे बाजार की सूरत बिगड़ चुकी थी। हर तरफ टूटी हुई इमारतें दिखाई दे रही थीं।
गाजा और सीरिया जैसा मंजर
ऐसा लग रहा था मानो यह पाकिस्तान नहीं बल्कि गाजा और सीरिया हो, जहां पर जंग के बाद कोई इमारत सही-सलामत नहीं बचती। मरियम नवाज का फॉर्मूला है: बुलडोजर चलाकर नए रास्ते बनाओ। हालांकि, पाकिस्तान ने योगी का बुलडोजर मॉडल कॉपी कर लिया लेकिन उसे सही तरीके से लागू करने में असफल रहा।
मुआवजा और नोटिस का अभाव

पाकिस्तानी पंजाब के अलग-अलग शहरों में मरियम का बुलडोजर चल रहा है। मकान और दुकानें टूट तो रही हैं, लेकिन लोगों को न तो मुआवजा मिल रहा है और न ही अपनी दुकान खाली करने का समय दिया जा रहा है। पाकिस्तान में बुलडोजर चलाने का एक ही फॉर्मूला है: न खाता, न बही, जो मरियम कहें, वही सही।
लोगों का डर और अराजकता
लाहौर से लेकर मुल्तान तक बुलडोजर दौड़ रहा है। लोगों का दावा है कि पहली वो जगह है जहां बुलडोजर चल रहा है और दूसरी वो लोकेशन है जहां बुलडोजर आने वाला है। यानी सबका नंबर आएगा। डर का माहौल इतना गहरा गया है कि मरियम सरकार का बुलडोजर अब रात के अंधेरे में भी आकर तोड़फोड़ कर रहा है।
मीडिया पर दबाव और खबरों की कमी
पाकिस्तान के नेशनल मीडिया में यह खबरें नहीं चल रही हैं। इसकी वजह हैं मरियम नवाज के चाचा, शहबाज शरीफ, जो पाकिस्तान के प्रधानमंत्री हैं। उनकी धमकियों के कारण यह खबरें दबा दी गईं। हालांकि, सोशल मीडिया और चश्मदीद गवाहों के जरिए यह घटनाएं सामने आ रही हैं।
अहमदिया समुदाय पर हमला
मरियम ने बुलडोजर सिर्फ मकान और दुकानों पर ही नहीं बल्कि मस्जिदों पर भी चलवा दिया। अहमदिया समुदाय, जो खुद को मुस्लिम मानता है लेकिन पाकिस्तान में लंबे समय से भेदभाव का शिकार है, उनकी मस्जिदों को भी बुलडोजर से तोड़ दिया गया। यह कार्रवाई धार्मिक स्वतंत्रता के घोर उल्लंघन के रूप में देखी जा रही है।
निष्कर्ष
मरियम नवाज का योगी आदित्यनाथ का बुलडोजर मॉडल कॉपी करने का प्रयास पाकिस्तान के लिए विवाद और अराजकता का कारण बन गया है। जहां भारतीय मॉडल कानून और व्यवस्था को सुदृढ़ करने की मंशा रखता है, वहीं पाकिस्तान का मॉडल नागरिकों के अधिकारों और सुरक्षा को अनदेखा करता दिखता है। सवाल यह है कि क्या पाकिस्तान ऐसे मॉडल को अपनाने के लिए तैयार है या यह केवल उसकी समस्याओं को और गहरा करेगा?