तरह तरह की चर्चाओं ने बढ़ाई लोगों की दिलचस्पी, अफवाहों का बाजार लगातार चल रहा गर्म।
अहमदाबाद में विगत 12 जून, 2025 को हुए एयर इंडिया के विमान हादसे में गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की मृत्यु की पुष्टि हो चुकी है। इस हादसे में फ्लाइट AI-171, जो अहमदाबाद से लंदन जा रही थी, टेकऑफ के कुछ ही मिनटों बाद मेघानीनगर क्षेत्र में बी०जे० मेडिकल कॉलेज के परिसर में दुर्घटनाग्रस्त हो गई थी। विमान में 12 क्रू मेंबरों सहित कुल 242 लोग सवार थे, जिनमें से केवल एक यात्री के जीवित बचने की सूचना है। और आधिकारिक तौर पर अब तक 274 लोगों की मृत्यु की पुष्टि हुई है, जिनमें गुजरात राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी शामिल हैं।
हालांकि, सोशल मीडिया साइट्स पर तमाम तरह की अफ़वाहों का बाज़ार गरम हैं और दावा किया जा रहा है कि विजय रूपाणी 27,000 करोड़ रुपये के सूरत जमीन घोटाले का खुलासा करने वाले थे, मुख्य रूप से इसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X और फेसबुक पोस्ट्स में देखा गया है। ये दावे सुझाव देते हैं कि उनकी मृत्यु किसी राजनीतिक षड्यंत्र से जुड़ी हो सकती है, लेकिन इनका कोई ठोस सबूत या आधिकारिक पुष्टि उपलब्ध नहीं है। ये पोस्ट्स अनौपचारिक और सट्टा प्रकृति की हैं, और इन्हें तथ्यात्मक साक्ष्य के रूप में स्वीकार नहीं किया जा सकता।
सूरत जमीन घोटाले के आरोपों के बारे में, 2022 में गुजरात कांग्रेस ने विजय रूपाणी पर सूरत शहरी विकास प्राधिकरण (SUDA) की 90 लाख वर्ग मीटर जमीन को बिल्डरों को देने का आरोप लगाया था, जिसकी अनुमानित कीमत 27,000 करोड़ रुपये बताई गई थी। कांग्रेस नेता अर्जुन मोढवाडिया ने दावा किया था कि रूपाणी, जो उस समय शहरी विकास मंत्रालय का प्रभार भी संभाल रहे थे, ने एक सलाहकार समिति की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षित जमीन को बिल्डरों को सौंप दिया।
हालांकि, भाजपा सरकार ने इन आरोपों को निराधार बताया और कहा कि यह निर्णय शहरी विकास अधिनियम और अदालती आदेशों के अनुसार लिया गया था। इस मामले में कोई नई जांच या ठोस निष्कर्ष सामने नहीं आए हैं, और यह दावा अभी भी विवादास्पद और अपुष्ट है।
विमान हादसे की जांच के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने एक उच्च-स्तरीय समिति का गठन किया है, और राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने भी घटनास्थल का दौरा किया है। ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जिससे हादसे के कारणों का पता चल सकता है। अभी तक हादसे के कारणों में तकनीकी खराबी की ओर इशारा किया जा रहा है, जैसे कि विमान का पिछले हिस्से का पेड़ से टकराना। षड्यंत्र की थ्योरी को समर्थन देने वाला कोई विश्वसनीय साक्ष्य नहीं है।
इसलिए, हालांकि सोशल मीडिया पर सूरत जमीन घोटाले और विजय रूपाणी की मृत्यु को जोड़ने वाले दावे मौजूद हैं, लेकिन ये अनुमान आधारित और बिना सबूत के हैं। सलाह दी जाती है कि ऐसी संवेदनशील जानकारी पर विश्वास करने से पहले आधिकारिक और विश्वसनीय स्रोतों की पुष्टि की जाए।