बस्ती, 25 जून 2025:
शहर के एक प्राइवेट अस्पताल में इलाज के नाम पर भारी लापरवाही का मामला सामने आया है, जहाँ डेढ़ साल के मासूम बच्चे की दर्दनाक मौत हो गई। आरोप है कि अस्पताल में गलत जांच और इलाज की खराब व्यवस्था के चलते यह मासूम जिंदगी हार गया। इस पूरे मामले में डॉक्टर एस.के. गोंड और उनके अस्पताल की कार्यप्रणाली सवालों के घेरे में है।
मृतक बच्चे को निमोनिया की शिकायत पर अस्पताल लाया गया था, लेकिन परिजनों के अनुसार, इलाज के दौरान उसे हार्ट अटैक हो गया और उसकी मौत हो गई। परिजन डॉक्टर से लगातार सवाल कर रहे हैं, लेकिन डॉक्टर एस.के. गोंड संतोषजनक जवाब नहीं दे पा रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि इस अस्पताल में ऐसे मामले रोज़ सामने आते हैं। कई बार छोटे बच्चों की मौत हो जाती है और परिजनों से अस्पताल स्टाफ की बहस होती रहती है।
अस्पताल में योग्य स्टाफ के बजाय अयोग्य कर्मियों द्वारा इलाज किया जाता है। पैथोलॉजी और अल्ट्रासाउंड जैसी सेवाएं भी गलत रिपोर्टिंग और लापरवाही का शिकार हैं, जिससे न केवल मरीजों की सेहत को नुकसान पहुँचता है, बल्कि उन्हें आर्थिक रूप से भी लूटा जाता है।डॉक्टरों की कमाई, जनता की परेशानीस्थानीय नागरिकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि कुछ डॉक्टर इलाज की आड़ में सिर्फ पैसा कमाने का जरिया बना चुके हैं।