परिषद की अगली बैठक बिहार के बक्सर में
विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में मध्य क्षेत्रीय परिषद से जुड़े राज्यों की भूमिका अहम : अमित शाह
वाराणसी/उत्तर प्रदेश
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की अध्यक्षता में मध्य क्षेत्रीय परिषद की 25वीं बैठक मंगलवार को वाराणसी में आयोजित हुई, जिसमें 19 अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। शाह ने बाल कुपोषण खत्म करने, स्कूल ड्रॉपआउट शून्य करने और पंचायतों की आय बढ़ाने पर जोर दिया। बैठक में चार राज्यों के मुख्यमंत्री, वरिष्ठ मंत्री और अधिकारी शामिल हुए। चर्चा में शामिल रहे इन मुद्दों में राष्ट्रीय महत्व के कई विषय शामिल थे, जैसे महिलाओं और बच्चों के खिलाफ दुष्कर्म के मामलों की त्वरित जांच और शीघ्र न्याय सुनिश्चित करने के लिए फास्ट ट्रैक स्पेशल कोर्ट (एफटीसी) की स्थापना, हर गांव के तय क्षेत्र में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराना और आपातकालीन प्रतिक्रिया सहायता प्रणाली (ईआरएसएस-112) को लागू करना। बैठक में गृह मंत्री अमित शाह ने सुझाव दिया कि परिषद से जुड़े सभी राज्य बाल कुपोषण को पूरी तरह समाप्त करें, स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की संख्या शून्य पर लाएं और सहकारी क्षेत्र को मजबूत करें। गृह मंत्री ने यह भी कहा कि ग्राम पंचायतों की आय बढ़ाई जानी चाहिए और इसके लिए राज्य सरकारें स्पष्ट नियम बनाएं। इससे भारत की त्रि-स्तरीय पंचायत प्रणाली और अधिक प्रभावी होगी।
इस बैठक में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय भी शामिल हुए। इसके अलावा, सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्री, केंद्रीय गृह सचिव, अंतर-राज्य परिषद सचिवालय के सचिव, मुख्य सचिव और केंद्र व राज्य सरकारों के वरिष्ठ अधिकारी भी बैठक में मौजूद रहे। बैठक की शुरुआत में अमित शाह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दृढ़ इच्छाशक्ति और भारतीय सेना के साहस की सराहना करते हुए प्रस्ताव पेश किया, जिसे परिषद ने सर्वसम्मति से पारित किया।
अपने संबोधन में शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य को पूरा करने में मध्य क्षेत्रीय परिषद से जुड़े राज्यों की अहम भूमिका है। उन्होंने यह भी कहा कि केंद्रीय क्षेत्रीय परिषद एकमात्र ऐसी परिषद है, जहां सदस्य राज्यों के बीच कोई विवाद नहीं है और यह बड़ी उपलब्धि है। शाह ने यह भी बताया कि 2004 से 2014 के बीच क्षेत्रीय परिषद की केवल 11 बैठकें और 14 स्थायी समिति की बैठकें हुईं, जबकि 2014 से 2025 के बीच परिषद की 28 बैठकें और स्थायी समिति की 33 बैठकें हुई हैं, जो कि दोगुना वृद्धि है।